किसी भी महिला के लिए मां बनना सबसे खूबसूरत एहसास है। एक नन्हीं सी जिंदगी को अपने अंदार नौ महीनों तक पालना और फिर उसे इस दुनिया में लाना एक जादुई अनुभव है। लेकिन इस दौरान महिलाओं को बहुत सी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। कई तरह के शारीरिक और मानिसक बादलाव होते हैं। खाने-पीने की चॉइस बदल जाती है, लेकिन एक चीज इन सब में ऐसी है जो हर प्रेग्नेंट महिला के साथ होती है और वो है खट्टा खाने की चाहत। अक्सर ये चीज टीवी सीरियल में देखने को मिलती है कि प्रेग्नेंट महिला खट्ट खाती है, लेकिन इस असल में भी होता है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है और इससे खाने से शरीर को फायदे होता है या नुकसान। क्या ये शरीर में किसी तरह की कमी का तो संकेत नहीं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
क्यों होती है खट्टा खाने की क्रेविंग
प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर के अंदर कई तरह के हार्मोनल चेंजेस हो जाते हैं, जिस वजह से महिलाओं को खट्टा खाने की इच्छा होती है। इसके अलावा एक्सपर्ट्स यह भी बताते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं में सोडियम और आयरण की मात्रा कम हो जाती है, जिस वजह से उन्हें खट्टी चीजें जैसे कैरी, अचार गोलगप्पे चटनी, इमली खाने की ज्यादा क्रेविंग होती है। ऐसा होना नॉमर्ल है।
प्रेग्नेंसी में खट्टा खाने के फायदे
प्रेग्नेंसी में सीमित मात्रा में खट्टा खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इससे बॉडी को कैल्शियम और विटामिन जैसे पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है। आंवला और नींबू खाना सही होता है, क्योंकि ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
इसके अलावा खट्टा खाने से डाइजेशन में भी सुधार होता है। उल्टी और मतलती जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है। अचार में मौजूद बैक्टीरिया के बढ़ाने में सहायक होते हैं। इससे खाना आसानी से पच जाता है। इसके अलावा आचार में हींग, राई, सौंफ और कलौंजी जैसे मसालों किया जाता है। इससे भी पाचन तंत्र मजबूत होता है और गैस, एसिडिटी, बदहजमी जलन से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान आचार का सेवन शरीर में खनिज तत्वों का बैलेंस बनाता है, क्योंकि इसमें पोटैशियम और सोडियम जैसे खनिज तत्व होते हैं जो गर्भ में पल रहे बच्चों के विकास में मदद करते हैं।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि प्रेगनेंसी के दौरान इमली खाने से एनीमिया की समस्या भी दूर हो सकती है। इमली में कैल्शियम आयरन, मैग्नीशियम, प्रोटीन और जिंक जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान इमली आयरन का एक टेस्टी सोर्स हो सकता है।