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अमृत स्नान के दिनों की बजाय 5 फरवरी को क्यों पहुंचे PM Modi महाकुंभ, जानिए कारण

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 05 Feb, 2025 02:08 PM
अमृत स्नान के दिनों की बजाय 5 फरवरी को क्यों पहुंचे PM Modi महाकुंभ, जानिए कारण

नारी डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी को संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में शामिल होकर पवित्र संगम नदी में आस्था की डुबकी लगाई। यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। हालांकि, इस मौके पर एक सवाल उठ रहा है कि उन्होंने शाही स्नान की तिथियां न चुनकर 5 फरवरी का दिन क्यों चुना? आइए जानते हैं इस दिन की धार्मिक महत्वता और इसके पीछे की वजह को।

5 फरवरी को कुंभ स्नान क्यों है खास?

प्रधानमंत्री मोदी ने माघ पूर्णिमा और बसंत पंचमी जैसे महत्वपूर्ण दिनों की बजाय 5 फरवरी को स्नान करने का निर्णय लिया, क्योंकि यह दिन माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। यह तिथि धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसे विशेष रूप से स्नान, ध्यान और तप के लिए फलदायी माना जाता है।

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गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि का महत्व

माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि को पूजा और अनुष्ठान के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, पितरों को जल, तिल, अक्षत और फल अर्पित करने से पितरों को सद्गति प्राप्त होती है। इसके साथ ही यह दिन मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।

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भीष्माष्टमी और मोक्ष की प्राप्ति

गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि को भीष्माष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भीष्म पितामह ने बाणों की शय्या पर लेटे हुए सूर्य के उत्तरायण होने और शुक्ल पक्ष की प्रतीक्षा की थी। माघ मास की अष्टमी तिथि पर उन्होंने श्रीकृष्ण की उपस्थिति में अपने प्राण त्याग दिए थे और उनके बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। इस दिन का धार्मिक महत्व इस घटना से भी जुड़ा हुआ है।

माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है, जो मोक्ष की प्राप्ति और पितरों के उद्धार से जुड़ी मान्यताओं को लेकर विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।

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