बच्चों को छोटी उम्र में ही संस्कार सिखाने पड़ते हैं, दूसरों के प्रति उनका व्यवहार सम्मानपूर्ण हो और उन्हें किसी की बात का बुरा न लगे। बच्चे शरारती स्वभाव को होते हैं, मजाक-मजाक में कई बार बच्चे ऐसी बातें बोल जाते हैं, ऐसे में लोग उनकी बातों पर अक्सर मुस्कुरा देते हैं। परंतु जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते है, तो यही बातें उनके स्वभाव का हिस्सा बन जाती हैं। जिसके कारण उनके व्यवहार में अकड़ और तुनकमिजाजी आ जाती है और वो किसी के साथ भी आसानी से घुलते मिलते भी नहीं हैं। आप बच्चों को सुधारने के लिए उन्हें दूसरों का सम्मान करना सिखाएं। तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स जिनके जरिए आप उन्हें समझदार बना सकते हैं।
खुद बने उदाहरण
बच्चे अपने घर वालों को देखकर ही व्यवहार करना सीखते हैं। वह अपने मां-बाप, दादा-दादी, बड़े भाई-बहनों की बातों से ही सबक लेते हैं। इसलिए माता-पिता को इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए। बच्चों के सामने आप खुद भी दूसरों को इज्जत दें। उनसे अच्छे से पेश आएं। यदि आप अपने व्यवहार में बदलाव लेकर आएंगे तो बच्चा भी सही तरीके से व्यवहार करना सीख जाएगा।
सिखाएं सच बोलना
बच्चों को निडर होकर उनकी गलती मानना भी जरुर सिखाएं, ताकि यदि बच्चे से कोई गलती हो जाए तो उनसे झूठ न बोलें। इसके अलावा बच्चा कोई बहाना भी नहीं बनाएगा और अपनी गलती किसी और पर भी नहीं थोपेगा। आप बच्चों को जरुर समझाएं कि किसी और की गलती से बच्चा उनके और अपने लिए कई तरह की मुश्किलें खड़ी कर सकता हैं। इसलिए बच्चों को अपने अलावा दूसरों के बारे में सोचना भी जरुर सिखाएं।
दूसरों की मदद करना सिखाएं
आप बच्चों को दूसरे की मदद करना भी जरुर सिखाएं। बच्चों को यह भी बताएं कि यदि वो किसी से सम्मानपूर्ण लहजे में बात नहीं करेंगे तो उन्हें बुरा लग सकता है और उन्हें तकलीफ भी हो सकती है। लेकिन अगर वह किसी की रिस्पेकट करते हैं तो उस व्यक्ति को खुशी भी मिलेगी और बच्चे को भी बेहतर महसूस होगा।
तारीफ करना सिखाएं
यदि बच्चों को शाबाशी दी जाए जो वह बहुत खुश होते हैं। लेकिन अपनी तारीफ करवाने के लिए बच्चों को इसके बारे में भी जरुर बताएं कि उन्हें अपने से बड़े लोगों की तारीफ भी करनी चाहिए। दूसरी की अच्छी बातों पर गौर करना भी सिखाएं। दूसरों के काम की यदि बच्चे सराहना करेंगे तो उन्हें को बच्चों के शांत और अच्छे स्वभाव का पता चलेगा। इससे बच्चे खुद ही बाकी लोगों से सम्मान पा सकेंगे।
गलत लगने पर आवाज उठाना सिखाएं
बच्चे बड़े ही कोमल और चंचल होते हैं। लड़ाई, झगड़े, मार, पिटाई से डर जाते हैं और खुद को डर भरे माहौल में कैद कर लेते हैं। ऐसे में आप बच्चे को निडर होना भी जरुर सिखाएं। बच्चों को बताएं कि यदि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है तो उसके खिलाफ आवाज भी जरुर उठाएं।