हिंदू धर्म में "ऊँ" शब्द को काफी महत्व दिया जाता है। ज्यादातर मंत्रों की शुरूआत भी "ऊँ" शब्द से ही की जाती है। वहीं, माना जाता है कि इस शब्द का जाप करने से आयु बढ़ती है। साथ ही यह कई बीमारियों का भी काल है। चलिए आज हम आपको बताते हैं "ऊँ" मंत्र का जाप करने के फायदे व सही तरीका...
ऊँ शब्द का महत्व
संस्कृत में ओम शब्द ‘अ’, ‘उ’ और ‘म’ को मिलाकर बनाया गया है, जिसे पूरे ब्रह्मांड की आवाज माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऊं की गूंज ब्रह्मांड के अस्तित्व में आने से पहले ही थी। यही वजह है कि पूजा-पाठ में इस मंत्र का उच्चारण जरूर किया है।
कैसे करें उच्चारण?
सुबह 4-6 बजे के बीच किसी शांत जगह पर बैठकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें। इसके लिए आप पद्मासन, सुखासन स्थिति में बैठ सकते हैं। कम से कम 105 बार इस मंत्र का उच्चारण जरूर करें। आप चाहे तो इसके लिए रुद्राक्ष की माता भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
होता है धन लाभ
माना जाता है कि शिवलिंग के समीप बैठ कर ऊँ का उच्चारण करने से आर्थिक परेशानियां भी दूर होती है। साथ ही इससे रूके हुए काम भी पूरे हो जाते हैं।
मिलती है सकारात्मक ऊर्जा
वहीं रोजाना इस शब्द का उच्चारण करने से मन व दिमाग में सकारात्मक ऊर्जा आती है। साथ ही यह मंत्र परमात्मा से जुड़ने का सबसे आसान रास्ता है। साथ ही इस मंत्र का जाप करने से मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
तनाव को करे दूर
नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से तनाव, एंग्जायटी, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं दूर रहती हैं।
दिल को रखे स्वस्थ
इससे दिल व शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह से होता है, जिससे आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं।
बेहतर डाइजेशन सिस्टम
इससे पाचन शक्ति तेज होती है, जिससे आप कब्ज, एसिडिटी के अलावा पेट दर्द व इंफैक्शन की समस्याओं से भी दूर रहते हैं।
एनर्जी बढ़ाए
इससे शरीर में स्फूर्ति व एनर्जी का संचार होता है, जिससे आपको सारा दिन थकावट, सुस्ती नहीं होती।
बेहतर नींद
अगर आप भी नींद ना आने की समस्या से परेशान है तो इस मंत्र का उच्चारण करके देंखें।
फेफड़ों को रखे मजबूत
ऊँ का उच्चारण करते समय समय सांस लेने की प्रक्रिया से फेफड़ों में मजबूती आती है।