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नीदरलैंड के पूर्व PM ड्राइस वेन और पत्नी यूजीन ने हाथों में हाथ लिए कहा दुनिया को अलविदा

  • Edited By palak,
  • Updated: 14 Feb, 2024 05:56 PM
नीदरलैंड के पूर्व PM ड्राइस वेन और पत्नी यूजीन ने हाथों में हाथ लिए कहा दुनिया को अलविदा

नीदरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री ड्राइस वेन एग्त और उनकी पत्नी यूजीन का निधन हो गया है। दोनों ने 70 साल एक दूसरे के साथ गुजारने के बाद मौत को गले लगा लिया है। दोनों की उम्र 93 साल बताई जा रही है। ड्राइस और यूजीन लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इसके अलावा दोनों बूढ़े भी हो गए थे। मरते समय भी ड्राइस और यूजीन ने एक-दूसरे का हाथ थामा हुआ था। ड्राइस अपनी पत्नी यूजीन से बहुत प्यार करते थे। दोनों एक दूसरे को स्कूल के दिनों से जानते थे। कुछ साल पहले ही एक इंटरव्यू के दौरान यूजीन ने बताया था कि ड्राइस आज भी उनको माय गर्ल कहकर बुलाते थे। 

कब्रों में दफनाया गया दोनों का पार्थिव शरीर

नीदरलैंड की एक कानूनी अधिकार संस्था की मानें तो ड्राइस वेन एग्त और यूजीन को एक्टिव यूथेनेसिया का इंजेक्शन देकर मौत की नींद सुलाया गया है। इसके बाद दोनों के पार्थिव शरीर को बिल्कुल आस-पास की कब्रों में दफना दिया गया। 

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1977 से लेकर 1982 के बीच रहे नीदरलैंड के प्रधानमंत्री 

आपको बता दें कि ड्राइस वेन एग्त 1977 से लेकर 1982 के बीच नीदरलैंड के प्रधानमंत्री पद पर रहे। वह क्रिश्चियन डेमोक्रेट पार्टी का हिस्सा थे। ड्राइस 2019 में ब्रेन हेमरेज के बाद से बहुत ही लाचार हो गए थे। जब उनके साथ यह दुर्घटना हुए तो वह एक सेमिनार हाल में स्पीच दे रहे थे। इसके बाद वह कभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए। हालांकि उनकी पत्नी यूजिनी वान एग्ट क्रेकलबर्ग हर समय उनके साथ ही रही लेकिन पिछले 5 सालों से यूजिनी भी बीमार रहने लगी थी। उनका चलना फिरना भी मुश्किल हो गया था। दोनों एक-दूसरे के इतने आदी हो गए थे कि एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। इसलिए दोनों ने इच्छामृत्यु चुनी।

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नीदरलैंड में हर साल इच्छामृत्यु से मरते हैं कई लोग 

रिपोर्ट्स की मानें तो नीदरलैंड में हर साल लगभग 1,000 लोग मौत के लिए इच्छा मृत्यु को चुनते हैं। हालांकि युगल इच्छामृत्यु का भी इन दिनों वहां पर चलन बढ़ गया है। नीदरलैंड में युगल इच्छामृत्यु के 2022 तक 58 मामले आ चुके थे। साल 2000 में नीदरलैंड में यूथेनेसिया को कानूनी तौर पर मान्यता मिली थी। इसके अंतर्गत वो व्यक्ति 6 स्थितियों में इच्छा मृत्यु मांग सकता है। इसमें वैसे लोग इच्छामृत्यु मांग सकते हैं जो ऐसी बीमारी से पीड़ित हो जिसमें असहनीय पीड़ा हो जो लाइलाज हो और सेहत में सुधार की गुंजाइश ही न बची हो।  

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