पूरी दुनिया में 'फ्लाइंग सिख' के नाम से मशहूर भारत के मिल्खा सिंह ने 91 साल की उम्र में कल रात चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में अंतिम सांस ली। बतां दें कि पांच दिन पहले ही मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल सिंह (85) का भी देहांत हो गया था। दोनों को एक दूसरे से बेइंतेहा मोहब्बत थी। यह प्रेम जोड़ी इस बात का सबूत है कि परमात्मा ने भी इन्हें ज्यादा दिन एक दूसरे से अलग नहीं रहने दिया और सिर्फ पांच दिन के भीतर ही पत्नी के जाने के बाद मिल्खा सिंह ने भी प्राण त्याग दिए।
मिल्खा सिंह की थी दिलचस्प लव स्टोरी-
मिल्खा सिंह की एथलेटिक्स कामयाबी को और उनकी उपलब्धियों को तो हर कोई जानता है लेकिन मिल्खा सिंह की दिलचस्प लव स्टोरी के बारे में शायद ही कोई बेहतर जानता हो।
बतां दें कि मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का जन्म पाकिस्तान के शेखपुरा में 8 अक्टूबर 1938 को हुआ था। वो तीन अलग-अलग मौकों पर पंजाब की वॉलीबॉल टीम की कप्तान रही चुकी थीं।
मिल्खा सिंह की पहली बार कब हुई थी पत्नी से मुलाकात-
एक इंटरव्यू में मिल्खा सिंह ने बताया था कि निर्मल से उनकी पहली मुलाकात 1955 में श्रीलंका के कोलंबो में हुई थी। दोनों एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए वहां पहुंचे थे। निर्मल पंजाब की वॉलीबॉल टीम की कप्तान थीं और मिल्खा सिंह एथलेटिक्स टीम का हिस्सा थे।
उस जमाने में एक महिला से बात करना भगवान से बात करने के समान था-
इसी दौरे पर एक भारतीय बिजनेसमैन ने वॉलीबॉल टीम और एथलेटिक्स टीम दोनों को एक साथ खाने पर इनवाइट किया। यही वो जगह थी जहां मिल्खा सिंह पहली बार निर्मल से मिले थे। मिल्खा सिंह ने इंटरव्यू के दौरान कहा था कि उस जमाने में एक महिला से बात करना किसी शख्स के लिए भगवान से बात करने के समान था। लोग महिलाओं को दूर से देखकर ही खुश हो जाते थे।
पहली नजर में ही मिल्खा सिंह को पसंद आ गई थीं निर्मल कौर-
निर्मल कौर पहली नजर में ही मिल्खा सिंह को पसंद आ गई थीं। इस दौरान दोनों के बीच काफी बातचीत भी हुई। मिल्खा इस रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन वह अपने प्यार को इकरार नहीं कर पा रहे थे।
जब मिल्खा सिंह ने निर्मल के हाथ पर लिख दिया अपने होटल का नंबर-
पार्टी से लौटते वक्त मिल्खा ने निर्मल के हाथ पर अपने होटल का नंबर लिख दिया। इस दौरान दोनों की बातचीत का सिलसिला और आगे बढ़ा। साल 1958 में एक बार फिर से दोनों की मुलाकात हुई लेकिन तब भी कोई बात नहीं बन पाई। इनकी प्रेम कहानी की शुरुआत साल 1960 में हुई, जब दोनों दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में मिले। इस समय तक मिल्खा काफी नाम कमा चुके थे।
पारिवारिक अड़चनों को झेलने के बावजूद एक दूसरे के हुए मिल्खा और निर्मल-
1960 में दोनों का रिश्ता तब और मजबूत हो गया जब चंडीगढ़ में खेल प्रशासन ने मिल्खा को स्पोर्ट्स का डिप्टी डायरेक्टर बनाया और निर्मल वूमेन स्पोर्ट्स की डायरेक्टर नियुक्त हुईं। इस दौरान मिल्खा और निर्मल को लेकर खूब खबरें आने लगी, वहीं तब तक मिल्खा और निर्मल एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का फैसला ले चुके थे हालांकि इनकी शादी में पारिवारिक अड़चनें भी बहुत आई लेकिन अपने प्यार के बल पर इन्होंने साल 1962 में शादी के बंधन में बंध गए।
टूर्नामेंट में शॉर्ट्स या स्कर्ट की बजाए सलवार कमीज पहनकर ही मैदान में उतरती थीं निर्मल कौर
निर्मल कौर के जीवन में एक बात और खासियत थी कि वह किसी भी नेशनल या इंटरनेशनल वॉलीबॉल टूर्नामेंट में शॉर्ट्स या स्कर्ट की बजाए सलवार कमीज पहनकर ही मैदान पर उतरती थीं।
बेटी डॉक्टर तो बेटा मशहूर गोल्फर है-
मिल्खा सिंह कहते थे कि उनकी गैर मौजूदगी में भी पत्नी ने बच्चों की परवरिश में कोई कमी नहीं आने दी। मिल्खा और निर्मल की बेटी डॉक्टर है तो वहीं बेटा जीव मिल्खा सिंह एक मशहूर गोल्फर है।