अभिनेता संजय दत्त फेफड़ों के जानलेवा कैंसर से ग्रस्त हैं। खबरों के मुताबिक, उन्हें तीसरी स्टेज का कैंसर है, जो सही इलाज ना मिलने पर जानलेवा भी साबित हो सकता है। व्यक्ति की छाती में मौजूद 2 स्पॉन्जी फेफड़े यानि लंग्स ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने में मदद करते हैं। अक्सर लोगों को लगता है कि फेपड़ों का कैंसर शराब, धूम्रपान के कारण होता है जबकि ऐसा नहीं है। इसकी वजह अनुवांशिक, तनाव, प्रदूषण के अलावा आपका गलत लाइफस्टाइल भी हो सकता है। यहां हम आपको इस जानलेवा बीमारी के कारण और लक्षण और रोकथाम के उपाय बताएंगे, जिससे आप इसके खतरे से बचे रह सकते हैं।
फेफड़ों में कैंसर के लक्षण
फेफड़ों में कैंसर के लक्षण शुरुआती चरण नहीं बल्कि आखिरी स्टेज में सामने आते हैं जैसे ...
. लगातार खांसी होना
. खांसी में खून या बलगम आना
. सांस में तकलीफ
. छाती में तेज दर्द
. अचानक वजन घटना
. हड्डियों में दर्द
. तेज सिरदर्द
फेफड़ों के कैंसर के 6 बड़े कारण
नॉन स्मोकिंग
सिर्फ धूम्रपाने करने वाले को ही नहीं बल्कि पैसिव या सेकंडहैंड स्मोकिंग यानि सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने वाले व्यक्ति भी फेफड़ों के कैंसर की चपेट में आ सकते हैं।
रेडॉन गैस का उत्सर्जन
रॉक्स और डर्ट के कारण उत्पन्न होने वाली प्राकृतिक रेडॉन गैस के कारण भी फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।
कैमिकल इंडस्ट्रीज में अधिक खतरा
सिलिका, डीजल, आर्सेनिक या दूसरी कैमिकल इंडस्ट्रीज में काम कर रहे लोगों को भी लंग कैंसर का खतरा अधिक होता है।
आनुवांशिक कारण
अगर परिवार के किसी सदस्य को कोई भी कैंसर हो या उससे यह अगली पीढ़ी को भी हो सकता है। बता दें कि सजंय दत्त की मां नरगिस दत्त मां नरगिस को ब्लड कैंसर और पहली पत्नी की मौत ब्रेन ट्यूमर से हुई थी।
गलत खान-पान भी है कारण
जंक फूड्स, मसालेदार भोजन का अधिक सेवन भी ऐसी बीमारियों की वजह हो सकता है। इसके अलावा दूषित पानी भी लंग कैंसर सेल्स को बढ़ावा देता है।
रेडिएशन थेरपी
रेडिएशन थेरपी करवाने वाले मरीजों के फेफड़ों में भी कैंसर सेल्स पनप सकते हैं। इसके अलावा छाती की रेडिएशन थेरेपी करवाने वाले लोगों को भी इसका खतरा रहता है।
कब लें डॉक्टर की सलाह?
लंग कैंसर के संकेत दिखने पर तुरंत जांच करवाएं। वह काउंसलिंग, मेडिकेशन और निकोटिन रिप्लेसमेंट प्रोडक्ट की सलाह देंगे। बता दें कि इस कैंसर का इलाज व्यक्ति की स्टेज पर निर्भर करता है।