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भगवान शिव का अद्भुत स्थान है केदारेश्वर महादेव  मंदिर, यहां नेपाल से लाया गया भव्य शालिग्राम

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 29 Jul, 2024 07:21 PM
भगवान शिव का अद्भुत स्थान है केदारेश्वर महादेव  मंदिर, यहां नेपाल से लाया गया भव्य शालिग्राम

पवित्र श्रावण मास में इटावा में केदारेश्वर महादेव मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। इटावा से हरिद्वार गए 101 कावड़यिों के जत्थे ने वापस लौट कर शिवशिला का गंगाजल से अभिषेक किया।केदारेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण के दूसरे सोमवार को भोर से ही शिवशिला पर अभिषेक का सिलसिला चल पड़ा। पूजा अर्चना करने के लिए बड़ी तादाद में श्रद्धालु कतारबद्ध नजर आये।   

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 केदारेश्वर महादेव का यह मंदिर करीब से उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर का आभास कराता है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते समय 10 फुट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर सड़क की तरफ मुंह किए काले रंग के नंदी की प्रतिमा मंदिर के आकर्षण को और अधिक बढ़ा रही है। इस मंदिर में भव्य शालिग्राम शिला नेपाल से लाकर स्थापित की गई है।

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 मंदिर का मुख्य भवन तो उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर की तरह है लेकिन पूरे परिसर की डिजाइन तंजौर के वृहदीश्वर मंदिर की प्रतिकृति होगी। मंदिर का निर्माण एक खास ग्रेनाइट पत्थर‘कृष्ण पुरुष शिला' से किया गया है जो पूरे केवल तमिलनाडु में कन्याकुमारी के पास ही मिलता है। दुनिया में सबसे मजबूत माने जाने वाले इन पत्थरों की आयु कम से कम तीन लाख वर्ष आंकी गयी है। 

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 केदारेश्वर महादेव मंदिर में गर्भगृह का भवन यानी‘ विमानम्' भी दक्षिण भारतीय मंदिरों की तुलना में अधिक ऊंचा है। इस तरह यह दक्षिण और उत्तर की संस्कृति का मिलाजुला रूप पेश करता है। मंदिर के गर्भगृह भवन की ऊंचाई 74 फुट है। यह 10 फुट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थित है। इस प्रकार आधार जमीन से यह 84 फुट ऊंचा है जो उत्तराखंडके केदारनाथ मंदिर की 85 फुट की ऊंचाई से एक इंच कम है। 

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उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए केदारेश्वर महादेव मंदिर की ऊंचाई अपेक्षाकृत कम रखी गई है।  केदारनाथ मंदिर की भांति केदारेश्वर मंदिर के शिखर पर 12 फुट ऊंचा लकड़ी का‘शिखरम्'बनाया गया है।  इस मंदिर के गर्भगृह की छत और‘विमानम्'के बीच खोखला स्थान रखने के साथ छत पर एक छोटा छेद‘ब्रोंद्र होल'इस तरह रखा गया है कि गर्भगृह में बजने वाले शंख, घंटी और डमरू की गूंज पूरे परिसर में सुनाई दे। 
 

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