25 APRTHURSDAY2024 3:03:32 PM
Nari

'अंतरिक्ष परी' Kalpana Chawla को पहली बार कर दिया था नासा ने रिजेक्ट, इतिहास रचते हुए गंवा दी जान

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 24 Nov, 2022 10:43 AM
'अंतरिक्ष परी' Kalpana Chawla को पहली बार कर दिया था नासा ने रिजेक्ट, इतिहास रचते हुए गंवा दी जान

भारत की बेटियां हर क्षेत्र में अपना मुकाम बना रही हैं। वह घर चलाने से लेकर देश चलाने तक, पहाड़ों पर चढ़ने से लेकर हवा में फाइटर प्लेन उड़ाने तक में अपनी भागीदारी दे रही हैं। इन्हीं में से एक है अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला। उनकी यह उपलब्धि केवल महिलाओं के लिए प्रेरणा नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। बेशक अब कल्पना की उड़ान रुक गई है लेकिन वह दुनिया के लिए एक मिसाल बन गईं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं बारे में बताएंगे, कि आखिर कैसे भारत में जन्मी कल्पना नासा की प्रसिद्ध साइंटिस्ट के रूप में जानी गईं।

PunjabKesari

कल्पना का बचपन

कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 में हरियाणा के करनाल में हुआ था। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योती चावला था। वो अपने भाई बहनों में सबसे छोटी थीं। उनकी शुरुआती शिक्षा करनाल के ही टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई। कल्पना बचपन से ही फ्लाइट इंजीनियर बनने का सपना देखती थीं और अपने सपने को पूरा करने लिए उन्होनें पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। पढ़ाई पूरी की तो उन्हें नौकरी के ऑफर भी मिलने लगे। लेकिन अब कल्पना अंतरिक्ष पर जाने के सपने देखने लगी थीं।

PunjabKesari

पहली बार किया था नासा ने रिजेक्ट 

कल्पना ने साल 1993 में नासा में पहली बार अप्लाई किया, लेकिन तब उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था। हालांकि कल्पना ने हार नहीं मानी। बाद में 1995 में नासा ने कल्पना चावला का चयन अंतरिक्ष यात्री के तौर पर किया। अब कल्पना चावला का सपना पूरा होने वाला था। साल 1998 में कल्पना को पहली उड़ान के लिए चुना गया। कल्पना ने अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान 372 घंटे बिताए। इस घटना के बाद उनका नाम इतिहास में दर्ज हो गया और वह अंतरिक्ष पर जाने वाली भारत की पहली महिला बन गईंं। 

PunjabKesari

दूसरी स्पेस यात्रा बनी आखिरी स्पेस यात्रा

साल 2000 में कल्पना का चयन दूसरी बार स्पेस यात्रा के लिए हुआ। हालांकि यह मिशन तीन साल लेट हुआ और 2003 में लांच किया गया। 16 जनवरी 2003 को कोलंबिया फ्लाइट STS 107 से दूसरे मिशन की शुरुआत हुई। लेकिन 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूट गया।

PunjabKesari

इस मिशन में 7 लोग शामिल थे। सभी की इस मिशन में मौत हो गई। कल्पना भी इसी मिशन के बाद दुनिया को अलविदा कह गईं। 


 

Related News