श्रीकृष्ण जन्मोत्सव यानि जन्माष्टमी का त्योहार आने में बस कुछ दिन ही बाकी है। इस दिन लोग बड़ी धूमधाम से भगवान विष्णु जी के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। वहीं मोरपंख, माखन आदि की तरह बांसुरी भी कान्हा की अतिप्रिय चीजों में से एक है। यह उनका वाद्ययंत्र है। बांसुरी की सुरीली आवाज किसी का भी मन अपनी ओर खींचने का काम करती है। इनकी मधुर आवाज से मन को शांति व सुकून का एहसास होता है।
मगर क्या आप जानते हैं कि इसे बजाने से सेहत को भी कई तरह के फायदे मिलते हैं। जी हां, बांसुरी बजाने से शारीरिक व मानसिक विकास बेहतर होता है। साथ ही बीमारियों से बचाव रहता है। चलिए जानते हैं बांसुरी बजाने के अनगिनत फायदों के बारे में...
फेफड़े बनाएं मजबूत
बढ़ते प्रदूषण व कोरोना के कारण फेफड़े और श्वसन नली कमजोर होती जा रही है। मगर बांसुरी बजाने के मांसपेशियों में मजबूती आती है। ऐसे में फेफड़ों की क्षमता में सुधार आता है। बांसुरी बजाने के डायफ्राम मजबूत होने के साथ ही इम्यूनिटी बढ़ने में मदद मिलती है। ऐसे में बीमारियों से सुरक्षित व हेल्दी रहने के लिए बांसुरी बजाना फायदेमंद माना जाता है।
याददाश्त होगी तेज
सुनने में शायद आपको अजीब लगेगा। मगर बांसुरी बजाने से मन शांत होता है। ऐसे में इससे स्मरण शक्ति तेज होने में मदद मिलती है। इससे बातें व चीजें लंबे समय तक याद रहती है। ऐसे में मेमोरी बूस्ट करने के लिए बांसुरी बजाना बेहद फायदेमंद माना जाता है। आप अपने बच्चों की याददाश्त बढ़ाने के लिए इस जन्माष्टमी उन्हें बांसुरी लाकर दे सकती है।
तनाव कम करने में मददगार
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, रोजाना बांसुरी बजाने से मन को शांति मिलती है। ऐसे में मूड ठीक रहता है। इससे काम व परेशानियों का तनाव व चिंताएं जल्दी ही दूर होने में मदद मिलती है। ऐसे में आप अपना मूड सही करने व मन शांत करने के लिए बांसुरी बजा सकते हैं।
मन की खुशी
बांसुरी की मधुर आवाज हर किसी का मन मोह लेने का काम करती है। कहा जाता है कि बांसुरी बजाने से मन शांत होने के साथ वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर में पॉजीटिविटी मिलने से मन में खुशी का एहसास होता है।