देश की महिलाओं के लिए 21 जुलाई का दिन खुश होने की एक खास वजह लेकर आया। 15 बरस पहले इसी दिन देश को प्रतिभा पाटिल के रूप में पहली महिला राष्ट्रपति मिली थी। टेबल टेनिस की शानदार खिलाड़ी रह चुकीं प्रतिभा पाटिल जब देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुईं, तो वह हर महिला के लिए प्रेरणा बन गई थी।
19 दिसंबर 1934 को जन्मीं प्रतिभा देवीसिंह पाटिल 2007-2012 तक देश की 12वीं राष्ट्रपति बनीं, वह यह सर्वोच्च संवैधानिक पद ग्रहण करने वाली पहली महिला थीं। वह 21 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में विजयी रहीं और 25 जुलाई 2007 को उन्हें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली प्रतिभा पाटिल को मैक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
महिलाओं के कल्याण के लिए कार्य करने वाली देश को पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा ताई पाटिल नाम से प्रसिद्ध है। उन्होंने अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत महज 27 की आयु में की थी। उन्होंने 1962 में कांग्रेस की टिकट पर एदलाबाद क्षेत्र से विधानसभा के चुनाव में जीत दर्ज की थी। 1962 से 1985 तक 5 बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रहीं प्रतिभा ताईने महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक कार्य किये।
दिल्ली में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास, ग्रामीण युवाओं के लाभ हेतु जलगांव में इंजीनियरिंग कॉलेज, श्रम साधना न्यास की स्थापना करने वाली भी प्रतिभा पाटिल ही थी। इतना ही नहीं उन्होंने महिला विकास महामण्डल, जलगांव में दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण विद्यालय और विमुक्त जमातियों तथा बंजारा जनजातियों के निर्धन बच्चों के लिए एक स्कूल की स्थापना की।
राज्यपाल के रूप में वो राज्य के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति भी थीं। वो उच्च शिक्षा सम्बंधित मुद्दों के लिए ‘लोक अदालत’ लगाती थीं, जिनमें 5000 से अधिक यूनिवर्सिटी शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया गया।भारत की पूर्व राष्ट्रपति को विदेशियों को दिए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला एज्टेका’ (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) सेभी सम्मानित किया जा चुका है।