3 नवंबर को होने वाले 'अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव' को अमेरिकी इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव माना जा रहा है। इसमें कई भारतीय महिलाएं अपनी किस्मत अजमाने जा रही हैं। यहीं, साल 2020 में होने वाले चुनाव में कई पाकिस्तानी महिलाएं भी हिस्सा ले रही हैं। चलिए आपको बताते हैं कि कौन है अमेरिका चुनाव में खड़ी होने वाले ये महिलाएं...
सबीना जफर- पाकिस्तानी अमरीकी- सैन रैमन का मेयर पद
सबीना जफर फिलहाल सबीना पश्चिम कैलिफोर्निया राज्य के सैन रैमन शहर की वाइस मेयर हैं। मगर, इश बार वह मेयर पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। सबीना अपने पिता राजा शाहिद जफर बेनजीरसे काफी प्रेरित हैं। बता दें कि उनके पिता भुट्टो सरकार में पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
7-8 साल पहले जब वह सांसद एरिक स्वालवेल के साथ काम कर रही थीं, तभी उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया। डेमोक्रेट महिलाओं के चुनाव के लिए उन्होंने ट्रेनिंग ली, जिसमें करीब 40 महिलाएं शामिल थीं। ट्रेनिंग लेने के बाद कॉरपोरेट और टेक्नोलॉजी के अनुभव से उन्होंने 2018 में सिटी काउंसिल के चुनाव जीते। इसके बाद 2019 में उन्होंने 1 साल के लिए डिप्टी मेयर का पद संभाला। बता दें कि सिटी काउंसिल में जगह बनाने वाली सबीना पहली एशियाई अमरीकी महिला है। उनका कहना है मेयर बनने के बाद में सेफ्टी, ट्रेफिक, पर्यावरण में हो रहे परिवर्तन पर काम करना चाहती हूं।
राधिका कुन्नेल- भारतीय अमरीकी- नेवादा राज्य असेंबली डिस्ट्रिक्ट-2 का पद
पेशे से वैज्ञानिक भारतीय अमरीकी राधिका कुन्नेल नेवादा राज्य असेंबली डिस्ट्रिक्ट-2 के पद का चुनाव लड़ रही हैं। राधिका 1996 में माइक्रोबायोलॉजी विभाग में PHD करने के बाद अमेरिका आई थी, जिसके बाद वो यहां प्रवासी की तरह रहने लगी। मगर, एक दिन उन्होंने भागा-दौड़ी की आवाजें सुनी। लोग कह रहे थे कि अपने देश वापिस जाओ। यहां तक कि लोगों ने हमसे बातचीत भी बंद कर दी। तब मैंने सोचा कि किसी को हमारा प्रतिनिधित्व होना चाहिए। वहीं, राजनीति में उतरने का उनका दूसरा कारण यह है कि इस फील्ड में वैज्ञानिक कम प्रतिनिधित्व करते हैं। चुनाव जीतने के बाद राधिका स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर बनाना चाहती हैं।
फराह खान- पाकिस्तानी अमरीकी- कैलिफोर्निया के अरवाइन शहर में मेयर पद
3 साल की उम्र से अमेरिका में रह रही फराह खान कैलिफोर्निया के अरवाइन शहर में मेयर पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। उनकी मां लाहौर और पिता कराची से हैं। दक्षिण कैलिफोर्निया आने से पहले उन्होंने शिकागो और सैन फ्रांसिस्को से अपनी पढ़ाई की है। कुछ समय पहले वह स्थानीय गैर लाभकारी संस्थाओं के साथ काम कर रही थी, जिसके बाद उन्होंने सिटी काउंसिलिंग में आने का फैसला किया। हालांकि वह 2016 में भी चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन उस दौरान वह हार गई थी। उनका कहना है कि वर्तमान मेयर ये नहीं समझते कि समुदाय आज कितना विविध और प्रगतिशील हो गया है इसलिए मेयर बनकर मैं लोगों को आपस में जोड़ना चाहती हूं।
पद्मा कुप्पा- भारतीय अमरीकी- मिशिगन राज्य में ट्रॉय और क्लॉसन का पद
70के दशक में अपनी मां पद्मा के साथ अमेरिका आई पद्मा लेखिका और गणित पसंद करने वाली महिला है। 16 साल की उम्र में 1981 में जब उनके माता-पिता भारत लौटना चाहते थे उनसे मौजूदा विकल्प छीन लिए गए। फिर वो 1998 में मास्टर्स की डिग्री लेने के लिए अमेरिका वापिस आ गई। वह इंजीनियर और एक अनुभवी प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में ऑटोमोटिव, फाइनैंस और आईटी इंडस्ट्री का काम कर चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न धर्मों से जुड़े भी कई काम किए हैं। बता दें कि पद्मा ने 2018 में भी चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्होंने जीत प्राप्त की। अब वह फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं।