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भारत की इकलौती पायलट Shivangi Singh जो उड़ाती हैं Rafale विमान, Operation Sindoor से आई फिर सुर्खियों में

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 09 May, 2025 01:28 AM
भारत की इकलौती पायलट Shivangi Singh जो उड़ाती हैं Rafale विमान, Operation Sindoor से आई फिर सुर्खियों में

नारी डेस्कः  "सपनों की उड़ान तब हकीकत बनती है, जब हौसले बुलंद हों"  यह लाइनें लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है और भारत पाक के स्ट्राइक हमले में एक बार फिर लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह चर्चा में आ गई है।

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक, राफेल की दहाड़

हाल ही में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। इस मिशन में राफेल फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया गया, जिन्होंने सटीक निशाना साधते हुए आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया। राफेल विमानों की तेज रफ्तार, आधुनिक हथियार प्रणाली और गुप्त हमले की क्षमता ने एक बार फिर यह साबित किया कि यह भारत की सबसे घातक हवाई ताकत है। इस दौरान राफेल विमान काफी चर्चा में है। इसी के साथ चर्चा में आई भारत की पहली व एकमात्र राफेल लड़ाकू विमान की महिला पायलट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह।  चलिए आपको उन्हीं के बारे में बताते हैं। 

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कौन हैं शिवांगी सिंह?

भारत की पहली और एकमात्र महिला पायलट का नाम शिवांगी सिंह है और उनके यहां तक पहुंचने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।  जब करीब दो दशक पहले शिवानी ने पहली बार विमान को छूआ था तब वो पल उन्हें काफी रोमांचित करने वाले थे। 29 वर्षीय लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ने एक इंटरव्‍यू में कहा था  कि एयर फोर्स म्यूजियम,नई दिल्ली से उनकी यात्रा शुरू हुई थी और वह जब पहली बार एक बच्चे के रूप में यहां आई थीं तो विमानों को देखकर हैरान रह गईं। उन्होंने उसी समय यह तय कर लिया था कि उन्हें पायलट ही बनना है।

नाम: लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह
जन्म स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश
उम्र: 29 वर्ष
योग्यता: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से ग्रेजुएशन
प्रशिक्षण: हैदराबाद स्थित भारतीय वायुसेना अकादमी
सेवा में शामिल: वर्ष 2017 में
पहला विमान: मिग-21 बाइसन
राफेल पायलट बनीं: वर्ष 2020 में
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2017 में भारतीय वायुसेना (IAF) जॉइन की

साल 2017 में शिवांगी सिंह ने भारतीय वायुसेना (IAF) जॉइन की और महिला फाइटर पायलट्स के दूसरे बैच में कमीशन प्राप्त किया। साल 2020 में कठिन सेलेक्‍शन प्रोसेस के बाद उन्हें राफेल पायलट के रूप में चुना गया और इसके साथ ही वह राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बन गईं हालांकि इससे पहले वह  मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट भी उड़ा चुकी थीं। बता दें कि भारत में राफेल की पहली खेप 29 जुलाई, 2020 को पहुंची थी,और फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट्स की अंतिम खेप पिछले साल दिसंबर में आई थी।

शिवांगी सिंह: डर से उड़ान तक, अब अंतरिक्ष की ओर बढ़ रही हैं भारत की पहली महिला राफेल पायलट

शिवांगी सिंह, भारत की पहली ऐसी महिला पायलट हैं जो फ्रांस में बने राफेल लड़ाकू विमानों को उड़ाती हैं। भारत की पहली महिला राफेल फाइटर पायलट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्होंने पहली बार मिग-21 फाइटर जेट उड़ाया, तो उन्हें घबराहट और चिंता हुई थी। लेकिन जब उन्होंने अपनी पहली सोलो उड़ान (अकेले उड़ाई गई फ्लाइट) भरी, तो वह अनुभव बहुत ही रोमांचक और यादगार था।

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सिम्युलेटर से राफेल तक की ट्रेनिंग

राफेल उड़ाने से पहले शिवांगी ने फ्रांस के अनुभवी प्रशिक्षकों के साथ मिलकर सिम्युलेटर ट्रेनिंग भी की। इसमें कंप्यूटर पर विमान उड़ाने जैसी स्थिति तैयार की जाती है, ताकि पायलट किसी भी परिस्थिति के लिए पहले से तैयार हो।

मां बनीं सबसे बड़ी प्रेरणा

शिवांगी ने भावुक होते हुए कहा कि उनकी मां ही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा थीं। उनकी मां चाहती थीं कि शिवांगी सिर्फ पढ़ी-लिखी न हो, बल्कि आत्मनिर्भर और मजबूत बने। मां की यही सीख शिवांगी को आगे बढ़ने की ताकत देती रही।
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अब लक्ष्य: अंतरिक्ष की उड़ान

अब शिवांगी सिंह ने एक और बड़ा सपना देखा है। उन्होंने भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन (गगनयान मिशन) का हिस्सा बनने के लिए पायलट प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया है। अब वे सिर्फ आसमान में ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को भी छूना चाहती हैं।

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शिवांगी ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार मिग-21 उड़ाया, तो शुरू में उन्हें घबराहट और चिंता होती थी, लेकिन जब उन्होंने पहली बार सोलो उड़ान भरी,तो वह बेहद रोमांचकारी था। शिवांगी ने फ्रांसीसी प्रशिक्षकों के साथ सिम्युलेटर प्रशिक्षण भी लिया है। शिवांगी ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थीं। वो चाहती थीं कि मैं केवल शिक्षित न रहूं,बल्कि आत्मनिर्भर बनूं। अब शिवांगी ने अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए पायलट प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया है, क्योंकि वे भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनना चाहती हैं।

देश की बेटियों के लिए प्रेरणा

शिवांगी सिंह की कहानी केवल एक पायलट की नहीं, बल्कि उन लाखों लड़कियों की प्रेरणा है, जो कुछ बड़ा करना चाहती हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि "जहां चाह, वहां राह" होती है।

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