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BlackOut In India: हमले के दौरान क्यों कर दिया जाता है हर तरफ अंधेरा, जानिए 9 बड़े कारण

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 09 May, 2025 12:29 AM
BlackOut In India: हमले के दौरान क्यों कर दिया जाता है हर तरफ अंधेरा, जानिए 9 बड़े कारण

नारी डेस्कः भारत पाक तनाव के बीच पाकिस्तान ने आज पंजाब सहित कई राज्यों पर ड्रोन हमले व मिसाइलें दागी। इस दौरान भारत सरकार द्वारा शहरों को तुरंत ब्लैकआउट होने का निर्देश दिया गया लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमलों के दौरान ब्लैकआउट क्यों किया जाता है। चलिए इस बारे में ही आपको बताते हैं। 

ब्लैकआउट क्यों जरूरी है?

हमलों के दौरान ब्लैक आउट (Blackout) लगाना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि यह दुश्मन के हमले को कठिन और कम प्रभावी बनाने में मदद करता है।

ब्लैक आउट का मतलब क्या होता है?

ब्लैक आउट का मतलब होता है – किसी इलाके में सभी लाइटें (सड़क की, घर की, इमारतों की) बंद कर देना ताकि वह क्षेत्र पूरी तरह अंधेरे में डूब जाए और आकाश से दिखना मुश्किल हो जाए।

• ड्रोन या मिसाइल हमलों के दौरान लाइट्स बंद करना मुख्यतः दुश्मन द्वारा खोजे जाने से बचने के लिए किया जाता है क्योंकि दिखाई देने वाली रोशनी किसी विमान, ड्रोन या ज़मीनी ठिकाने को दृष्टिगत या इंफ्रारेड सेंसर के माध्यम से आसानी से चिन्हित कर देती है।

• अंधेरा दुश्मन बलों, ड्रोन या सैटेलाइट द्वारा दृश्य पहचान की संभावना को कम कर देता है।इसी के साथ टारगेटिंग को मुश्किल बना देता है इसलिए अंधेरा करना जरूरी है। 

• रोशनी दुश्मन के ऑप्टिकल और इंफ्रारेड टारगेटिंग सिस्टम को महत्वपूर्ण ढांचों या व्यक्तियों को पहचानने में मदद करती है।

• दुश्मन को लक्ष्य पहचानने में दिक्कत होती है। लाइट्स बंद करने से दुश्मन के सिस्टम के लिए असली लक्ष्य और नकली या पृष्ठभूमि में मौजूद चीज़ों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है।हवाई हमलों, ड्रोन स्ट्राइक्स या मिसाइल हमलों में दुश्मन आमतौर पर चमकते हुए या रोशनी पर टारगेट करते हैं। 
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नागरिकों और महत्वपूर्ण ढांचे की रक्षा के लिए

• जिन शहरों पर हमला होता है, वहां ब्लैकआउट घोषित किया जाता है ताकि दुश्मन ड्रोन या मिसाइलों को शहरी लेआउट, सड़कों या इमारतों के स्पष्ट संकेत न मिलें।

• इतिहास में भी, विशेषकर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, हवाई हमलों के समय ब्लैकआउट एक सामान्य उपाय था। आज भी ड्रोन और ऑप्टिकल सेंसर के युग में यही सिद्धांत लागू होता है।

नुकसान को रोकने के लिए

• अगर ड्रोन विजुअल या थर्मल इमेजिंग का इस्तेमाल कर रहे हों, तो रोशनी अनजाने में ऐसे क्षेत्रों को भी उजागर कर सकती है जिन्हें छिपाना जरूरी होता है, जिससे निशाने का दायरा बढ़ सकता है।

• अंधेरे के कारण दुश्मन को अन्य, कम सटीक, तरीकों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे हमला कम प्रभावी हो सकता है।

• यदि आप हमलावर ड्रोन या विमानों की लाइट्स बंद करने की बात कर रहे हैं, तो यह "EMCON (इमिशन कंट्रोल)" यानी संकेतों के प्रसारण को नियंत्रित करने के तहत किया जाता है। इसका उद्देश्य यह होता है कि वे दृश्य प्रकाश या अन्य संकेत प्रसारित न करें, जिससे उनकी स्थिति दुश्मन की वायु रक्षा या रडार द्वारा पता न चल सके।

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