नारी डेस्क: सर्दियों में लोगों को अक्सर प्यास कम लगती है, जिससे पानी पीने की आदत पर असर पड़ता है। गिरते तापमान के कारण शरीर को पानी की कमी झेलनी पड़ती है, जिसका सीधा असर दिल, दिमाग, किडनी, लिवर और हड्डियों पर पड़ता है। खासतौर पर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द बढ़ने लगता है।
कम पानी पीने से होने वाली समस्याएं
सर्दियों में पानी की कमी से शरीर में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, जैसे:
जोड़ों और हड्डियों में दर्द
शरीर में पानी की कमी से जोड़ों में मौजूद तरल पदार्थ (सिनोवियल फ्लूइड) का स्तर घट जाता है। यह तरल पदार्थ हड्डियों के आपसी घर्षण को रोकने में मदद करता है। जब यह कम हो जाता है, तो जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन की समस्या शुरू हो जाती है। ठंड के मौसम में यह समस्या और बढ़ सकती है, खासकर उन लोगों में जो पहले से ही गठिया जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
मांसपेशियों में ऐंठन
पानी की कमी के कारण मांसपेशियों तक जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते। नतीजा यह होता है कि मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं और उनमें खिंचाव या ऐंठन महसूस होने लगती है। सर्दियों में जब लोग ठंड के कारण कम एक्टिव रहते हैं, तो मांसपेशियों में जकड़न और बढ़ जाती है। पर्याप्त पानी पीना और हल्का व्यायाम करना इस समस्या को कम कर सकता है।
गठिया और सूजन
सर्दियों में ठंड और पानी की कमी गठिया के मरीजों के लिए बड़ी समस्या बन सकती है। पानी की कमी से जोड़ों में सूजन बढ़ सकती है, जिससे दर्द और ज्यादा हो जाता है। ठंडी हवा और गिरते तापमान के कारण सूजन और अकड़न की समस्या गंभीर हो सकती है। जोड़ों की सेहत बनाए रखने के लिए सर्दियों में हाइड्रेशन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
सिरदर्द और अपच
पानी की कमी से दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता, जिससे सिरदर्द, थकान और ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल हो सकती है। इसके अलावा, शरीर में पानी की कमी से पाचन क्रिया भी धीमी हो जाती है, जिससे अपच, एसिडिटी और कब्ज की समस्या हो सकती है। सर्दियों में गुनगुना पानी पीना इन समस्याओं को कम कर सकता है।
दिल की समस्याएं और अन्य जोखिम
लंबे समय तक पानी की कमी का असर हृदय पर भी पड़ सकता है। रक्त का प्रवाह धीमा होने से ब्लड प्रेशर असंतुलित हो सकता है, जिससे दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है। इसके अलावा, प्रोस्टेट और मूत्र संबंधी समस्याएं, जैसे टॉयलेट इंफेक्शन या पित्त की पथरी, भी बढ़ सकती हैं।
सर्दियों में पानी की कमी से बचने के उपाय
पर्याप्त पानी पिएं
दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की आदत डालें। अगर ठंड के कारण ठंडा पानी पीने का मन न हो, तो गुनगुना पानी पिएं। आप सूप, हर्बल चाय, या गर्म दूध जैसे तरल पदार्थ भी शामिल कर सकते हैं। शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है, भले ही प्यास कम लगे।
विटामिन डी लें
सर्दियों में धूप सेंकना न भूलें। यह न केवल हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि शरीर में गर्माहट भी बनाए रखता है। अगर धूप में बैठने का समय नहीं है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन डी सप्लीमेंट्स लें। यह हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
हल्का व्यायाम करें
सर्दियों में शरीर को एक्टिव रखना बेहद जरूरी है। सुबह-शाम हल्की कसरत, योग या स्ट्रेचिंग से शरीर का लचीलापन बना रहता है और जोड़ों का दर्द कम होता है। अगर ठंड के कारण बाहर जाना मुश्किल हो, तो घर पर ही हल्के व्यायाम करें।
गर्म कपड़े पहनें
सर्दियों में ठंड से बचने के लिए शरीर को अच्छे से ढककर रखें। खासतौर पर सिर, कान और पैर को गर्म रखने के लिए मोजे और टोपी पहनें। ठंड से बचाव से जोड़ों और मांसपेशियों में अकड़न कम होगी।
संतुलित आहार लें
डाइट में हरी सब्जियां, ताजे फल, मेवे, और हेल्दी फैट्स शामिल करें। ज्यादा नमक, चीनी और प्रोसेस्ड फूड से बचें क्योंकि ये सूजन को बढ़ा सकते हैं। सर्दियों में हल्दी, अदरक और लहसुन जैसे तत्वों का सेवन जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
घरेलू उपचार
घुटनों और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए घर पर ही औषधीय तेल बना सकते हैं:
अजवाइन, लहसुन, मेथी, सोंठ, हल्दी, निर्गुंडी और पारिजात का पेस्ट बनाएं।
इसे सरसों या तिल के तेल में उबालें।
इस तेल से जोड़ों की मालिश करें। यह दर्द और सूजन को कम करता है।
डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी
अगर समस्या बढ़ रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। हड्डियों और जोड़ों के दर्द को नजरअंदाज न करें।
नोट: यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।