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इलियाना भी हुईं Postpartum Depression का शिकार, जानिए इसके कारण और बचाव

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 04 Mar, 2024 03:31 PM
इलियाना भी हुईं Postpartum Depression का शिकार, जानिए इसके कारण और बचाव

मां बनना एक बहुत ही सुखद एहसास है, लेकिन इसके साथ आती हैं बहुत सी चुनौतियां। डिलीवरी के बाद जहां महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर होती हैं, वहीं मेंटली भी काफी प्रभावित होती हैं। जिससे पोस्टमार्टम डिप्रेशन होता है। ऐसा सिर्फ आम महिलाओं के साथ ही नहीं, बल्कि सोनम कपूर और आलिया भट्ट जैसी  बॉलीवुड की एक्ट्रेसेज के साथ भी हुआ है। वहीं अब इलियाना डिक्रूज ने भी इसके बारे में खुलकर बात की है। उन्हें कहा कि उन्हें गिल्ट रहता है कि वो बच्चे की अच्छे से देखभाल नहीं कर पा रही हैं और वो इमोशनली वीक फील करती हैं। हालांकि उन्हें इस दौरान अपने पार्टनर का साथ मिला, जिसके चलते वो बहादुरी से इसका सामना कर पा रही हैं। पोस्टमार्टम डिप्रेशन एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में महिलाएं बहुत ही कम जागरूक हैं और इसे seriously नहीं लेती। लेकिन इस पर न ध्यान देना, मेंटली महिलाओं को बहुत ज्यादा कमजोर कर सकता है। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में..

क्या है पोस्टमार्टम डिप्रेशन

नई मां बनने के बाद अचानक से नींद की कमी और बच्चे की हर समय देखभाल,  घर के काम जैसी कई ज़िम्मेदारियां निभाना मां को काफी थका देती है। इससे महिलाएं शारीरिक कमजोरी से जूझने लगती हैं। इसके साथ तनाव लेना हार्मोनल संतुलन को बाधित करता है और ये पोस्टमार्टम डिप्रेशन का कारण बन सकता है। 

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पोस्टमार्टम डिप्रेशन के लक्षण

-लगातारा उदास और निराश रहना।

-भूख में बदलाव।

-बच्चे के साथ संबंध बनाने में कठिनाई।

- अचानक रोने आना या गुस्सा होना।

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कैसे पोस्टमार्टम डिप्रेशन पर कंट्रोल करें

परिवार वालों से मांगे मदद 

अपनी परेशानी फैमिली के साथ शेयर करें। उनके साथ वक्त गुजारे और उनसे इमोशनल सपोर्ट लें। ये काफी फायदेमंद हो सकता है।

एक्सट्रा- एक्टिविटीज में लगाएं मन

व्यायाम, शौक, पढ़ना, या प्रकृति में समय बिताने जैसी एक्टिविटी में शामिल हों। खुद पर फोकस करें।

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जिम्मेदारी बांटे

अगर आप ज्यादा थका हुआ महसूस कर रही हैं तो ना कहना भी सीखें। बच्चे की देखभाल फैमिली और पार्टनर से साथ शेयर करें।

लें भरपूर नींद

अपनी नींद को प्रथामिकता दें। रात में बच्चे की देखभाल के लिए फैमिली से भी मदद ले सकती हैं।

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गिल्ट को दूर करें

खुद के प्रति ज्यादा क्रूर न बनें। बच्चे की देखभाल में कोई कमी रह गई तो भी खुद को दोष नहीं दें। ये स्वीकार करें कि आप जितना कर रही है वो बहुत है।

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