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कोरोना मरीज को अलग रखना कितना जरूरी, जानिए क्या है Self Isolation?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 16 Mar, 2020 08:36 PM
कोरोना मरीज को अलग रखना कितना जरूरी, जानिए क्या है Self Isolation?

कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में फैला हुआ है। भारत में तो इसे महामारी भी घोषित कर दिया गया है। वहीं सोशल मीडिया द्वारा लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिए ढेरों जानकारी भी दी जा रही है। कोरोना वायरस क्या है? इससे कैसे बचा जाए? इसके लक्षण क्या है? यह सब तो आप जान ही गए होंगे। मगर, यहां हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं कि अगर आप कोरोना से ग्रस्त हैं तो आपको क्या करना चाहिए। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ऐलान किया है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को सेल्फ-आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए।

चलिए आपको बताते हैं आखिर सेल्फ-आइसोलेशन क्या होता है और इसे कैसे किया जाता है?

क्या है सेल्फ आइसोलेशन?

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को सेल्फ-आइसोलेशन (Self Isolation) में रखा जाता है। सेल्फ-आइसोलेशन का मतलब है अपने आप को बाकी दुनिया या यूं कहें स्वस्थ व्यक्तियों से अलग कर लेना। वहीं संक्रमित लोगों को काम पर, स्कूल व पब्लिक प्लेस पर जाने की मनाही होती है। इसके साथ ही आपको पब्लिक ट्रांसपोर्ट या टैक्सी के इस्तेमाल से भी बचना होता है।

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हवादार कमरे में रहना जरूरी

कोरोना वायरस से ग्रस्त लोगों को ऐसे हवादार कमरे में रहना चाहिए जिसमें एक खिड़की हो। साथ ही आपको बाथरूम भी अलग यूज करना होता है। ऐसी इंफेक्शन में करीबी या दूसरे लोगों को घर में नहीं आने दे सकते। 

अगर चाहिए हो जरूरी सामान तो क्या करें?

अगर आपको किराने, दवाइयां या दूसरा कोई सामान भी चाहिए तो उसके लिए आप मदद ले सकते हैं। दोस्त, परिवार या डिलीवरी ड्राइवर को कहे कि वो सामान को दरवाजे के पास छोड़ जाए, इसमें कोई दिक्कत नहीं है।

कब होती है सेल्फ-आइसोलेशन की जरूरत?

. अगर आप कोरोना वायरस से संक्रमित है तो आपको ठीक होने तक सेल्फ-आइसोलेशन में रखा जा सकता है।
. ब्रिटेन में फ्लू (37/8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा बुखार या लगातार कफ) जैसे लक्षणों वाले हर शख्स को कम से कम 7 दिनों के लिए सेल्फ-आइसोलेशन में रखा जाता है।
. प्रभावित इलाके से सफर करके आए लोग या जो संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हो उन्हें 14 दिनों के लिए सेल्फ आइसोलेशन में रखा जाता है।
. वहीं संक्रमित व्यक्ति से 2 मीटर (छह फीट) की दूरी या 15 मिनट बिताने वाले लोग, या उनके साथ फेट-टू-फेस कॉन्टैक्स रखने वाले लोगों को भी सेल्फ आइसोलेशन की जरूरत होती है।
. जिन लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखें।

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अगर एक ही घर में कई लोग रहते हैं तो?

घर में एक ही किचन है तो खुद किचन में जाने की बजाए परिवार के किसी शख्स से मदद मांगे। खाना अपने कमरे में ही खाएं या अपने लिए एक ही कमरा रखें जहां आप रहें। घर के फर्श, दरवाजें, खिड़कियों आदि की नियमित साफ-सफाई करें। अगर आप फैमिली या परिवार से खुद को अलग नहीं कर सकते तो कम से कम उनके संपर्क में ना आएं।

इन बातों का भी रखें ध्यान...

. आइसोलेशन या ऐसे मरीजों के साथ रहने वाले लोगों को अपने हाथ बार-बार धोने चाहिए।
. साबुन या हैंडवॉश से हाथ कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं।
. तौलिए, कपड़े व खान-पान की चीजें भी अलग रखें।
. ऐसे लोगों के लिए अलग बाथरूम होना चाहिए। अगर बाथरूम एक ही है तो मरीज के यूज करने के बाद उसे अच्छी तरह साफ करें।

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आइसोलेशन में रहने वाले शख्स के कचरे को अच्छी तरह से पैक करे घर से बाहर फैंके। अगर शख्स टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाता है तो उस कचरे का निपटारा जरूरी है।

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