मां का दूध शिशू के लिए सबसे पहला आहार होता है। पैदा होने के बाद कई महीनों तक शिशू मां के दूध के जरिए ही अपना पेट भरता है। लेकिन कई बार मां को ब्रेस्ट मिल्क बहुत ही कम बनता है। जिसके चलते बच्चा भूखा रह जाता है। इससे बच्चे की इम्यूनिटी कमजोर होती है और ग्रोथ में भी रुकावट आती है। मां के कम ब्रेस्ट मिल्क के लिए उनका अनहेल्दी डाइट, पीसीओएस थायराइड, हाइपर टेंशन, डायबिटीज जैसी बीमारियां जिम्मेदार हो सकती है। ये समस्या दुनिया भर की मांओं में आम है। लेकिन आप बस अपने डाइट में बदलाव करके ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ा सकते हैं।
मेथी के बीज
मेथी के बीजों में ब्रेस्ट मिल्क के उत्पाद को बढ़ाने की क्षमता होती है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड्स की मात्रा भी ज्यादा होती है। इससे बच्चों के दिमाग का विकास भी अच्छे से होता है। आप मेथा की पत्तियों को भी सेवन कर सकते हैं। इससे आपको बीटा केरोटिन, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषण मिल सकते हैं। आप इसे अपने चाय में भी एड कर सकती हैं।
सौंफ के बीज
सौंफ में मौजूद गुणों से ब्रेस्ट मिल्क का उत्पाद बढ़ता है। इससे गैस जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। वहीं दूध के जरिए सौंफ के गुण बच्चों में भी जाते हैं। आप रात को सौंफ पानी में भिगोकर उन्हें सुबह पी सकती है।
लहसुन
ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए लहसुन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इससे आपके दूध का टेस्ट और स्मैल बदल जाती है। इसलिए दूध आपको सेवन सिर्फ सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। लहसुन से इम्यूनिटी भी स्ट्रांग होती है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर तो होती ही हैं, साथ में नई माओं के लिए भी फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद आयरन, कैल्शियम और फोलेट ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाते हैं।
जीरा
जीरे भी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने का एक बेहतरीन घरेलू उपाय है। इससे कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं ठीक होने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए आप रात को जीरे को पानी में भिगोकर रख दें। इसे आप एक रात पहले पानी में भिगोकर रख दें और सुबह छानकर पी लें।