अपनी डेली लाइफ में हम रोजाना अपने आसपास कई पेड़- पौधे देखते है। दिखने में सुंदर और सिंपल से ये पौधे असल में अपने अंदर कई औषधीय गुण समाएं हुए है। असल में कुदरत ने हमें कई ऐेस पेड़- पौधों से नवाजा है जिसका सही तरीके से इस्तेमाल करने से कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। मगर हम में से कई लोग इनकी इस गुणवत्ता से अंजान है। तो चलिए आज हम आपको ऐसे 11 पौधों के बारे में बताते है जिनका उपयोग करने से कई बीमारियों के होने से बचा जा सकता है।
पीपल
पीपल के बेहद बड़ा होने से सभी को अपनी छाया का मजा देने के साथ अपने अंदर कई औषधीय गुण समाएं हुए है। इनके पत्तों को उबाल कर चाय बनाकर पीने से शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। रोजाना इसकी चाय का सेवन करने से दिल स्वस्थ होने के साथ शरीर मे किसी भी हिस्से में सूजन की समस्या से राहत मिलती है। इसके अलावा इसकी छाल का काढ़ा बनाकर पीने से जोड़ों का दर्द दूर होता है। यह बॉडी से यूरिक एसिड बाहर निकालने में मदद करता है। इसके साथ जोड़ो का दर्द, गठिया और किडनी आदि के मरीजों को आराम मिलता है।
पपीता
पपीते के पत्ते स्वस्थ शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते है। इसके पत्तों का रस निकाल कर सेवन करने से डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है। यह बॉडी में कम हुई प्लेटलेट्स को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है। इसके साथ पपीता का रोजाना सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसे कच्चा खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
अर्क
अर्क का पौधा किसी औषधी से कम नहीं है। इस जड़ी- बूटी से कई रोगों का इलाज किया जाता है। इसकी जड़ की छाल को 1 चुटकी शहद के साथ सेवन करने से ट्यूमर, सिस्ट, एब्सेस के साथ किसी भी तरह के घाव जल्दी से ठीक होने में मदद मिलती है। एड़ी में होने पर इसके पत्तों को गर्म कर बांधने से राहत मिलती है। पीलिया के रोगी को अर्क के फूल की पंखुड़ियों को निकाल कर बाकी के हिस्से को पान में रख कर चूसने से आराम मिलता है।
अनार
खून की कमी होने पर अनार का सेवन करना एक अच्छा स्त्रोत है। इसकी छाल से बवासीर के रोग से राहत मिलती है। हाथों व पैरों में खुजली, जलन की शिकायत होने पर इसके पत्तों का रस लगाने से फायदा होता है। अनार के पत्तों से बने काढ़ा का सेवन करने से टाइफाइड और डेंगू के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
पुनर्नवा
इसका चूर्ण या काढ़ा बना कर पीने से पथरी, किडनी के रोगों के लिए फायदेमंद होता है। यह लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। खून की कमी को दूर करने में बेहद असरदार होता है।
कचनार
दिखने में यह पौधा बेहद ही सुंदर होने के साथ काफी उपयोगी भी होता है। इसकी पत्तियों से थायरॉइड की बीमारी का इलाज करने के लिए दवा बनाई जाती है। इसके पौधे से बना चूर्ण और काढ़ा का सेवन करने से विभिन्न प्रकार के ट्यूमर्स और बीमीरियों से बचा जा सकता है।
भुई आंवला
आंवले के आकार का होने से इस पौधे को भुई आंवला कहा जाता है। यह भूख बढ़ाने में मदद करता है। यूरिन, वायरल इंफेक्शन होने की समस्या में यह बेस्ट औषधी के रूप में माना जाता है। इसके सेवन से इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होने के साथ बॉडी में एनर्जी आती है।
बेल
शिव जी की पूजा में उपयोग होने वाले बेल के पत्ते औषधीय के तौर पर इस्तेमाल किए जाते है। इसके पत्ते का चूर्ण बनाकर सेवन करने से बवासीर के रोगियों के लिए वरदान साबित होता है। इसके फल से बना मुरब्बा पेट से संबंधित परेशानियों से राहत दिलाता है। इसके अलावा बेल के फल का शर्बत पीने से पाचन तंत्र बेहतर होता है।
धतूरा
धतूरे की पत्तियों को पानी में उबालकर उससे सिर धोने से जुएं नही पड़ती है। इसके साथ ही इस पानी से सिकाई करने से बॉडी पेन और सूजन की समस्या से राहत मिलती है। धतूरे के पौधे को सरसों के तेल में हल्का गर्म कर मालिश करने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है।
अपामार्ग
इस जड़ी-बूटी का कई गंभीर रोगों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह मानव समाज के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसकी पत्तियों का रस निकालकर या जड़ को बिच्छू के काटने वाली जगह पर रगड़ने से आराम मिलता है। अस्थमा, थायराइड और मोटापे से परेशाना लोगों को इसके पत्तों का चूर्ण सुबह खाली पेट खाने से फायदा मिलता है। इसके बीजों के दूध से बनी खीर खाने से ओवर इटिग की परेशानी से राहत मिलती है।
अडूसा
यह भी एक औषधीय गुणों से भरी पौधा है। इसे मुख्य तौर पर हर आयुर्वेदिक दवाई को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसेक पत्तों का रस या चूर्ण बनाकर सेवन करने से खांसी, दमा, अस्थमा, बवासीर आदि के इलाज के लिए किया जाता है। महिलाओं को पीरियड पेन और ज्यादा खून बहने की समस्या होने पर भी इसका सेवन करने से आराम मिलता है।