दुनियाभर में हर साल 25 अप्रैल को मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसे सेलिब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक करना है। ताकि वे इसकी चपेट में आने से बच सके। वहीं बात छोटे बच्चों की करें तो उन्हें इस बीमारीेस सुरक्षित रखने के लिए खास देखभाल की जरूरत होती है। एक रिसर्च के अनुसार, हर साल करीब 22 प्रतिशत बच्चे इसकी चपेट में आते हैं। तो चलिए आज हम आपको बच्चे में होने वाले मलेरिया के लक्षण व इससे बचने के उपाय बताते हैं...
बच्चों में दिखने वाले लक्षण
- सुस्ती, थकान व चिड़चिड़ापन रहना
- बच्चे को मतली व दस्त होना
- तेज बुखार के साथ ठंड लगना
- उल्टी आना
- भूख कम लगना
- पेट दर्द की शिकायत रहना
- ठीक से नींद ना आना
- कमजोरी रहना
ऐसे में बच्चे में इन लक्षणों के साथ सर्दी-जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
ऐसे करें बचाव
घर की सफाई का ध्यान रखें
गंदगी व पानी के इकट्ठा होने पर मच्छर वाला घूमने लगते हैं। ऐसे में घर की अच्छे से सफाई करें। साथ ही कहीं पानी इकट्ठा ना होने दें।
ठंडी जगह पर रखें शिशु
शिशु को ज्यादा गर्म जगह पर ना रखें। उसे हमेशा ठंडी जगह या ए.सी रूम में ही रखें।
शिशु को हल्के रंग के कपड़े पहनाएं
गहरे रंग के कपड़ों से मच्छर जल्दी आकर्षित होते हैं। ऐसे में बच्चे को हल्के रंग व पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं।
मच्छरदानी लगाना
आप बच्चे के बेड पर मच्छरदानी लगा सकती है। इससे उसका मच्छरों से बचाव होने के साथ गहरी नींद आने में मदद मिलेगी।
शिशु को शाम के समय बाहर ले जाने से बचें
मलेरिया मच्छर शाम के समय व खुली हवा में ज्यादा काटते हैं। ऐसे में इस दौरान बच्चे को बाहर व घर की छत पर ना लेकर जाएं।
सिट्रोनेला तेल या क्रीम लगाएं
शिशु के शरीर पर सिट्रोनेला, नीम, लैवेंडर तेल या क्रीम भी लगाएं। इससे मच्छरों भगाने में मदद मिलेगी।
मच्छर मारने वाली दवा से करें छिड़काव
आप घर के बाहर व अंदर मच्छर मारने वाली क्वाइल, कार्ड या लिक्विड इलेक्ट्रिक या दवाई का छिड़काव करवा सकती है। शिशु के घर से बाहर ले जाने से पहले उसपर स्प्रे या क्रीम लगाएं।
बच्चे की डाइट का रखें ध्यान
बच्चे को संतुलित आहार खिलाएं। साथ ही उसे भरपूर मात्रा में पानी पिलाएं। ताकि उसे पानी की कमी ना हो।