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Baisakhi 2023: इस दिन मनाई जा रही है बैसाखी, जानिए Festival से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

  • Edited By palak,
  • Updated: 10 Apr, 2023 06:37 PM
Baisakhi 2023: इस दिन मनाई जा रही है बैसाखी, जानिए Festival से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

हर साल बैसाख के महीने में मेष संक्रांति वाले दिन सिख समदुाय के लोगों का पवित्र त्योहार बैसाखी मनाया जाता है। यह त्योहार पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में मुख्य तौर से मनाया जाता है। इसी दिन से सिख लोगों के लिए नया साल शुरु हो जाता है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में यह त्योहार मुख्य रुप से मनाया जाता है। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में इसे अलग नामों से भी जाना जाता है। असम में इसे बिहू, बंगाल में नबा वर्ष और केरल में पूरम विशु कहा जाता है। इस बार बैसाखी कब है और इस त्योहार का क्या महत्व होता है आज आपको इसके बारे में बताएंगे। तो चलिए जानते हैं...

इस दिन मनाई जाएगी बैसाखी 

इस बार सूर्य देव का 14 अप्रैल को मेष राशि में गोचर होने वाला है। ऐसे में इस बार बैसाखी 14 अप्रैल को मनाई जाएगी। हिंदू सौर कैलेंडर की मानें तो बैसाखी का त्योहार सिख नव वर्ष के रुप में भी मनाया जाता है। यह दिन सिख समुदाय के लोगों के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन सिख लोग नए कपड़े पहनकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं। 

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 महाराजा रणजीत सिंह को सौंपा गया था साम्राज्य 

बैसाखी का त्योहार इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि इस दिन सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने सन् 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। इसके अलावा इसी दिन महाराजा रणजीत सिंह को इसी दिन सिख साम्राज्य का सौंपा गया था, जिसके बाद उन्होंने एकीकृत राज्य की स्थापना की थी। 

ईश्वर को आभार व्यक्त करते हैं किसान 

इस दिन किसान पूरे साल हुई हरी-भरी फसल के लिए ईश्वर का धन्यवाद करते हैं। ईश्वर को अन्न-धन्न अर्पित करके सब उनकी पूजा अर्चना करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग इस दिन पवित्र नदियों में भी डुबकी लगाते हैं और बैसाखी का त्योहार मनाते हैं। 

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सूर्य-देव का मिलता है आशीर्वाद 

बैसाखी के दिन तीर्थ स्नान दान करने का भी खास महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव का अर्घ्य देने से सुख और समृद्धि आती है। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इसी दिन से सौरवर्ष शुरु होता है। 

पंजाबी लोग मनाते हैं खुशियां 

इस दिन पंजाबी लोग स्वादिष्ट पकवान तैयार करते हैं, गुरुद्वारे में जाकर गुरु ग्रंथ साहिब का भी पाठ करते हैं। नाच-कर भांगड़ा करके अपनी खुशी जाहिर कर सकते हैं। नृत्य भांगड़ा और पाठ कीर्तन करके अपनी खुशियां मनाते हैं। माना जाता है कि इस दिन जरुरतमंद व्यक्ति को फसल का हिस्सा दान करने, गरीबों में खीर और शरबत बांटने से घर में बरकत आती है और दरिद्रता भी दूर होती है। 

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