दुनिया में इंसान द्वारा निर्माण की गई हर एक वस्तु का जहां फायदा होता है, वहीं उसके कुछ न कुछ नुकसान भी जरूर सामने आते हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आज हर शख्स अपनी जेब में सैनिटाइजर रखे हुए है, कुछ लोग तो हर एक-दो घंटे बाद इसका इस्तेमाल करते हैं। कई लोगों को लगता है कि साबुन से हाथ धोने से बेहतर है सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना, मगर यह आपकी गलतफहमी सिद्ध हो सकता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...
संवेदनशील त्वचा वाले रहें सावधान
सैनिटाइजर का निर्माण करते वक्त इसमें 70 प्रतिशत अल्कोहल का इस्तेमाल किया जाता है। जिस वजह से जिन लोगों की त्वचा अधिक सेंसेटिव हैं, यदि वह सैनिटाइजर का इस्तेमाल दिन में 4 बार से अधिक करते हैं तो उनकी त्वचा पर रैसेज पड़ने का खतरा बड़ सकता है।
कैंसर की अफवाह है झूठी
कुछ अफवाहों में बात सुनने में आ रही है कि सैनिटाइजर का अधिक इस्तेमाल करने से व्यक्ति कैंसर का शिकार हो सकता है। मगर ऐसा कुछ नहीं है, हां सैनिटाइजर गाड़ी या फिर किसी भी गर्म तापमान वाली जगह पर रखने से पहले आपको एक बार जरूर सोचना चाहिए। मगर सैनिटाइजर का इस्तेाल करने से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा वाली बात सही नहीं है। सैनिटाइजर आपके मुंह में जाने से हल्की-फुल्की परेशानी दे सकता है, मगर कैंसर नहीं। बच्चों को तो हमेशा होममेड सैनेटाइजर का ही इस्तेमाल करवाना चाहिए। यह उनकी सेहत के लिए फायदेमंद रहता है, क्योंकि होममेड सैनिटाइजर में अल्कोहल मिक्स नहीं होती।
साबुन है अधिक फायदेमंद
कुछ लोग हर छोटा काम करने के बाद साबुन से हाथ धोने की बजाय सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें लगता है सैनिटाइजर के इस्तेमाल से जर्मस जल्द खत्म हो जाएंगे, मगर साबुन का इस्तेमाल करने से आप अधिक सेफ रहते हैं। साथ ही आपके हाथों की त्वचा सैनिटाइजर में मौजूद कैमिकल्स की वजह से रुखी होने से भी बच जाती है।
खुजली, रैशेज और क्रैक
जिन लोगों की त्वचा काफी सेंसिटिव हैं, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने से उनकी समस्या बढ़ सकती है। बच्चों से लेकर बड़ो तक इस बात का सभी को ध्यान रखना चाहिए कि सेंसिटिव स्किन वाले लोग होममेड सैनिटाइजर का ही इस्तेमाल करें। सैनिटाइजर लगाने के बाद धूप में न जाएं और न ही आग के पास जाकर कोई काम करें। खाना पकाने और खाने से पहले सैनिटाइजर नहीं, साबुन के साथ हाथ साफ करें।
तुरंत जाएं डॉक्टर के पास
अगर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने पर एक दम से त्वचा पर रैशेज या खुजली होने लगे तो तुरंत साबुन के साथ हाथ धोएं, मॉइस्चराइजर लगाएं, अगर जल्द आराम न मिले तो जल्द ही स्किन स्पेशलिस्ट के पास जाकर अपना ट्रीटमेंट शुरु करवाएं। उसके बाद घर पर बने ऐलोवेरा, ग्लिसरीन युक्त हैंड सैनिटाइजर का ही इस्तेमाल करें।
एक दम से आया सैनिटाइजर की खरीद में उछाल
कोरोना से पहले केवल 10-20 प्रतिशत लोग ही हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया करते थे। मगर कोरोना के बाद सैनिटाइजर की बिकरी में एक दम से उछाल आया। आज से 10 साल पहले जब स्वाइन फ्लू का कहर छाया था, तब भी लोगों ने सैनिटाइजर का खूब इस्तेमाल किया था। अब उसके बाद 2020 में जाकर लोगों ने हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की हर हद पार कर ली।
मगर जितना हो सके साबुुन के साथ हाथ धोने को पहल दें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल तभी करें जब हाथ धोने का कोई आसपास इंतेजाम न हो। घर-ऑफिस होने पर साबुन के साथ ही हाथ धोएं। हर दफ्तर में हैंड वॉश मशीन लगना लाजमी है। पबल्कि प्लेस पर साबुन से हाथ धोना सेफ नहीं है।