26 APRFRIDAY2024 9:53:37 AM
Nari

कोरोना ने बुजुर्गों पर डाला गहरा असर, डिप्रेशन के साथ आर्थिक तंगी का भी कर रहे सामना

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 20 Jul, 2022 11:50 AM
कोरोना ने बुजुर्गों पर डाला गहरा असर, डिप्रेशन के साथ आर्थिक तंगी का भी कर रहे सामना

कोविड-19 की चपेट में आने वाले उम्रदराज लोगों को अवसादग्रस्त और घबराहट जैसी मानसिक समस्या के साथ-साथ आर्थिक परेशानी होने की आशंका दोगुनी हो जाती है। यह दावा एक अध्ययन में किया गया है। अध्ययन के मुताबिक महामारी से पूर्व के मुकाबले इस आयुवर्ग के करीब 40 प्रतिशत कोरोना वायरस संक्रमितों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। 

PunjabKesari

जर्नल पीएनएएस में प्रकाशित यह नवीनतम अध्ययन 52 से 74 वर्ष के आयुवर्ग के 5,146 वयस्कों के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है, जिसमें कोविड-19 संक्रमण का उनके मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक सरोकार और वित्तीय स्थिति पर पड़ने वाले अल्पकालिक और दीर्घकालिक असर का अध्ययन किया गया। अध्ययन में शामिल हुए लोगों के आंकड़े कोविड-19 से पहले वर्ष 2018-19 में लिए गए और इसके बाद वर्ष 2020 में कोविड-19 होने पर दो बार इनका विश्लेषण किया गया।

PunjabKesari
अध्ययन के मुताबिक जून-जुलाई 2020 के दौरान 49 प्रतिशत संभावित संक्रमित बुजुर्गों में अवसाद के संकेत मिले जबकि बिना संक्रमण वाले बुजुर्गों में यह दर महज 22 प्रतिशत रही। ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) की प्रमुख अनुसंधान लेखिका ऐली इओब ने कहा, ‘‘ मौजूदा समय में कोविड-19 संक्रमण से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य, व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति और सामाजिक संबंध पर पड़ने वाले संभावित असर को लेकर बहुत कम सबूत हैं।’’

PunjabKesari
अध्ययन में पाया गया कि इस आयुवर्ग के संभावित संक्रमितों में व्याकुलता की दर 12 प्रतिशत थी जबकि बिना संक्रमण वाले इस आयुवर्ग के लोगों में यह दर महज छह प्रतिशत दर्ज की गई। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, संक्रमण के छह महीने तक उसका दुष्प्रभाव रहता है और ऐसा प्रतीत होता है कि स्थिति और खराब हुई। उन्होंने बताया कि संक्रमण के बाद एक बार फिर नवंबर-दिसंबर 2020 में अनुसंधान में शामिल लोगों के आंकड़ों का आकलन किया गया और पाया गया कि संभावित संक्रमितों में अवसाद और व्याकुलता की दर क्रमश: 72 प्रतिशत और 13 प्रतिशत रही। 

PunjabKesari
वहीं बिना संक्रमण वाले इसी आयुवर्ग के लोगों में यह दर क्रमश: 33 प्रतिशत और सात प्रतिशत रही। अध्ययन के मुताबिक महामारी से पूर्व के मुकाबले इस आयुवर्ग के करीब 40 प्रतिशत कोरोना वायरस संक्रमितों को जून-जुलाई 2020 में वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। वहीं, संक्रमण से मुक्त बुजुर्गों में यह दर 20 प्रतिशत रही।
 

Related News