हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का खास महत्व होता है। यह हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आती है। माना जाता है कि इस रात को चंद्रमा अपनी किरणों से अमृत की वर्षा करता है। साथ ही इस दिन पर देवी लक्ष्मी के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी मां धरती पर अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाने आती है। ऐसे में अगर आप भी उन्हें खुश करना चाहते हैं तो ज्योतिष व वास्तुशास्त्र के बताएं कुछ उपायों को कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में...
साफ- सफाई का रखें ध्यान
माना जाता है कि जिस घर में साफ- सफाई होती है। वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही घर में बरकत बनी रहती है। ऐसे में अपने घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
तुलसी मां के आगे दीया जलाएं
देवी लक्ष्मी और श्रीहरि को तुलसी का पौधा अतिप्रिय माना जाता है। ऐसे में शरद पूर्णिमा की सुबह नहा कर साफ कपड़े पहन कर तुलसी मां को जल चढ़ाएं। फिर घी का दीपक जलाकर सिंदूर चढ़ाएं। उसके बाद सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इस तरह तुलसी माता की पूजा करने से देवी लक्ष्मी और श्रीहरि की कृपा आपके घर-परिवार पर बनी रहेगी।
चांद की रोशनी में रखें खीर
चांदी के बर्तन में खीर बनाकर उसे शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में रखें। अगली सुबह इस खीर का सेवन करें। माना जाता है कि पूर्णिमा की रात को चांद की किरणों से अमृत की वर्षा होती है। ऐसे में इसका सेवन करने से बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
रातभर जागे
मान्यता है कि इस रात देवी लक्ष्मी अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आती है। ऐसे में पूरी रात जागने के साथ देवी लक्ष्मी और श्रीहरि का नाम जपना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ अन्न व धन की कमी नहीं होती है। साथ ही मनोकामना की पूर्ति होती है।
देवी लक्ष्मी की पूजा
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन देवी लक्ष्मी का जन्मदिन होता है। ऐसे में इस दिन सच्चे मन से उनकी पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। ऐसे में इस दिन को कर्जमुक्त पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में कर्ज से छुटकारा मिलने साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत हो आय के नए अवसर मिलते हैं।