गर्भावस्था के दौरान हर मां को खुद से ज्यादा गर्भ में पल रहे बच्चे की चिंता होती है। वह चाहती है कि उसका बच्चा स्वस्थ रहे। वहीं कोरोना नाम की महामारी ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है। महिलाओं को इस बात का डर रहता है कि अगर कहीं वो कोरोना से संक्रमित हुईं, तो उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी संक्रमण हो सकता है। एक नई स्टडी में भी कोरोना काे लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
7000 गर्भवती महिलाओं की हुई जांच
जामा नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित एक शोध में दावा किया गया है कि गर्भवती महिला को यदि कोरोना हो गया है तो शिशु का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है। यह जोखिम उन बच्चों को अधिक है जिनकी माताएं गर्भावस्था के दौरान कोरोना का शिकार हुई हैं। शोध के मुताबिक 7000 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का अध्ययन किया गया, जिनमें 222 ऐसी महिलाएं शामिल थी जिन्हें कोरोना हो चुका है।
बच्चों पर पड़ रहा प्रभाव
शोध के मुताबिक कोरोना से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के बच्चों पर कोरोना का प्रभाव देखा गया। गर्भधारण के बाद तीसरे महीने में महिलाओं को कोरोना से संक्रमित होना बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर गंभीर असर डालता है। हालांकि इस संबंध में अलग-अलग तरह के मामले देखने को मिले। किसी मामले में गर्भवती मां को कोरोना का संक्रमण है लेकिन बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पैदा हुआ। किसी मामले में मां स्वस्थ है लेकिन बच्चे को पैदा होने के बाद इंफेक्शन हुआ।
ऐसे करें खुद का बचाव
-बुखार, खांसी- जुकाम या सांस लेने में तकलीफ हो तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
-लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से बात करें।
-गर्भावस्था में किसी भी दवा का इस्तेमाल ना करें।
-कोविड 19 महामारी के समय मानसिक तनाव लेने से बचें।
-घर के अंदर ही वॉक, योग और मेडिटेशन करें।
समय से पहले डिलीवरी के भी बढ़ रहे मामले
आईसीएमआर के मुताबिक गर्भधारण के दौरान मां की प्रतिरोधक क्षमता कुछ कम हो जाती है, तब मां किसी भी वायरस से जल्दी संक्रमित हो सकती है। स्टडी यह भी कहती है कि कोरोना वायरस के दौरान समय से पहले डिलीवरी के मामले भी बढ़े हैं। दरअसल कोरोना वायरस महामारी ने महिलाओं में प्रसव को लेकर चिंता और अवसाद का ख़तरा बढ़ा दिया है। ऐसे में महिलाओं और उनके परिवार को जहां तक संभव हो सावधानियां बरतनी चाहिए।
वैक्सीन कर सकती है बचाव
कई रिसर्च में ये पाया गया है कि गर्भवती महिला ने अगर कोरोना का वैक्सीन लगवाया है तो उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की इम्यूनिटी भी मजबूत रहती है। खास तौर से जब तक बच्चा मां का दूध पीता है। डॉक्टरों का भी कहना है कि एंटीबॉडीज को प्लेसेंटा के जरिए या ब्रेस्टमिल्क के माध्यम से ट्रांसफर किया जा सकता है। यही वजह है कि डॉक्टर्स गर्भवती महिलाओं को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
बढ़ाएं इम्यूनिटी
-गर्भवती महिलाएं पौष्टिक आहार का सेवन करें।
-इंफेक्शन से बचने के लिए विटामिन सी, प्रोटीन का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
-इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी वाला दूध का सेवन करें।
-दिन में दो बार हल्दी वाला दूध लें।
-अपनी डाइट में तुलसी, गिलोय, नींबू, अश्वगंधा, मुलहठी, अदरक और आंवले का सेवन करें।