बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान देश के लोकप्रिय अभियानों में से एक है। इस अभियान की शुरुआत मोदी सरकार द्वारा की गई थी। हर सरकार बदलने के बाद देश में कुछ बदलाव लाने के वायदे करती है वहीं कुछ बदलाव लाए भी जाते हैं, मगर ऐसे बहुत से कम फैंसले होते हैं जो बहुत ज्यादा सफल होते हैं। मगर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान एक ऐसा अभियान है जिसने सफलता के सभी शिखर पार कर लिए हैं।
हाल ही में Budget 2020 की घोषणा के दौरान वित्तमंत्री ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए इस बात की घोषणा की है कि कुछ समय पहले शुरु की गई इस योजना के बहुत ही सफल परिणाम देखने को मिल रहे हैं। खुशी की बात है कि जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वे लड़कों के मुकाबले ही हैं। बराबर भी न होकर यह लड़कियां लड़कों से एक गुणा ज्यादा बाजी मार रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात 94.32 फीसद है जबकि लड़कों का प्राथमिक स्तर पर नामांकन अनुपात सिर्फ 89.28 फीसद है।
माध्यमिक स्तर
मिडल स्तर के अनुसार लड़कियों का नामांकन अनुपात 81.32 फीसद है और लड़कों का 78 फीसद।
उच्च माध्यमिक स्तर
उच्च स्तर के अनुसार लड़कियों का नामांकन अनुपात 59.70 फीसद पर पहुंच गया है जबकि लड़कों सिर्फ 57.54 फीसद है।
देश की प्रगति
बजट के दौरान बेटियों की शिक्षा को लेकर की गई पेशकारी देश को सफलता की तरफ जाता देख की तरफ इशारा कर रही है। इस सफलता ने साबित कर दिया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पूरी तरह सफल रहा।
पी.एम.मोदी ने शुरु की थी योजना
देश में गर्भ में मारी जाने वाली बेटियों की संख्या को देख देश के प्रधान मंत्री मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी। शुरुआत में यह योजना केवल उन्हीं शहरों में लागू थी, जहां लड़का-लड़की के बीच अंतर ज्यादा है, मगर धीरे-धीरे यह योजना देश भर में सफलता का शिखर छूती रही। जिसके चलते 2015 से लेकर 2019 तक लड़का-लड़की के बीच इस अंतर के बीच काफी सुधार देखा जा चुका है।
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