कोरोना संक्रमित मरीजों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही। रिकवरी के बाद भी लोगों को फेफड़े, दिल, खराब होना जैसी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। वहीं, हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से ठीक होने के बाद लोग डिप्रेशन में जा रहे हैं। भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 30% कोरोना संक्रमित लोग ठीक होने के बाद अवसाद या डिप्रेशन का शिकार हुए हैं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइलाइन भी जारी की है।
कोरोना मरीज हो रहे डिप्रेशन का शिकार
कोरोना वायरस लोगों की मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाल रही है, जिसके कारण मेंटल हेल्थ केयर व्यवस्था को काफी चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है। गाइडलाइन्स में कोरोना के कारण मानसिक रूप से प्रभावित होने वाले लोगों के 3 समूहों में बांटा गया है। इसके मुताबिक, कोरोना से संक्रमित हुए मरीजों को मानसिक समस्याएं आ सकती हैं। इनमें 30% लोग अवसाद या डिप्रेशन और 96% में पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) की समस्या दिख रही है।
50-60% मरीजों में दिख रहे एंग्जाइटी के लक्षण
इसके अलावा तीसरे समूह के लोग नींद की कमी, तनाव, चिंता, हैल्यूस्लेशन या अजीब ख्याल आनाजैसी समस्याएं झेल रहे हैं। यही नहीं, कुछ मरीजों में तो आत्महत्या तक के ख्याल भी आ रहे हैं। वहीं, 20- 40 उम्र के ठीक हो चुके कुछ मरीज डिप्रेशन, पैनिक अटैक और एंग्जाइटी से भी घिरे हुए हैं। करीब 50-60% मरीजों में एंग्जाइटी, अकेलापन, मूड स्विंग्स और एकाग्रता की कमी महसूस हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन
. अब सिर्फ मनोचिकित्सक ही नहीं बल्कि दूसरे डॉक्टर भी मेंटल हेल्थ केयर का प्रशिक्षण दे रहे हैं, जो अब भारतीय डॉक्टरों को दिए जाने की भी जरूरत हैं।
. डिप्रेशन , एंग्जायटी, चिंता, तनाव से बचने के लिए परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं और अकेले रहने से बचें।
. कोई भी परेशानी होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें।
. बिना दवा के साइकोथेरेपी से भी डिप्रेशन का इलाज किया जा सकता है, जिससे मरीज की सोच और बेहिवियर में बदलाव लाया जाता है। इससे उनका मन शांत व पॉजिटिव होना शुरू होता है।
. डिप्रेशन से बचने के लिए डाइट में हैल्दी फूड्स, योग, एक्सरसाइज आदि शामिल करें।
जिस तरह से कोरोना मरीजों में डिप्रेशन या एंगजाइटी की समस्या बढ़ रही है, इससे भविष्य में भयानक स्थिति बन सकती है। ऐसे में सही कदम उठाना बहुत जरूरी है।