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अफगान महिलाओं की चिंता में 21 देशों का साझा बयान, 'तालिबान औरतों की हिफाजत की गारंटी दे'

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 19 Aug, 2021 12:14 PM
अफगान महिलाओं की चिंता में 21 देशों का साझा बयान, 'तालिबान औरतों की हिफाजत की गारंटी दे'

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद जहां वहा के स्थानीय लोग डरे और सहमे हुए हैं वहीं अफगानी महिलाओं को अपनी इज्जत और आबरू की चिंता सता रही हैं। यही वजह है कि वहां के लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ते ही तालिबानियों ने अपना शासन लागू कर दिया है, जिसके बीच उन्होंने शरिया लाॅ के मुताबिक महिलाओं के लिए नए कायदे-कानून की भी घोषणा कर दी है। 

21 देशों ने अफगानिस्तान में महिला सुरक्षा पर गारंटी मांगी
इसी बीच अब दुनिया को भी अफगानी महिलाओं की चिंता होने लगी है। जिसके चलते अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन समेत 21 देशों ने अफगानिस्तान में महिला सुरक्षा पर गारंटी मांगी है।

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इन देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि बीते 20 साल में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा की गई, उन्हें पढ़ाई और रोजगार की पूरी आजादी थी। अब इस बात की गारंटी मिलनी चाहिए कि नई सरकार इन्हें खत्म नहीं करेगा और इसे जारी रखेगा।

तालिबानियों को महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा-रोजगार की आजादी देनी होगी
21 देशों की तरफ से जारी साझा बयान में कहा गया है कि हम अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों को लेकर सबसे ज्यादा फिक्रमंद हैं। वो लोग जो इस वक्त सत्ता में हैं, उन्हें इन महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा और रोजगार की आजादी देनी होगी। हम इस मामले में वहां की नई सरकार से गारंटी चाहते हैं।

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 20 साल में जो अधिकार अफगानी महिलाओं को दिए गए वे उनके जीवन का हिस्सा हैं
21 देशों के संयुक्त बयान के अनुसार, महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के मामले में हम मानवीय आधार पर मदद के लिए तैयार हैं। नई सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि हम इस मसले पर करीबी नजर रख रहे हैं। 20 साल में जो अधिकार महिलाओं को दिए गए वे उनके जीवन का सबसे अहम हिस्सा हैं।

 21 देशों का बयान, अफगान नागरिकों को सम्मान और सुरक्षा मिलनी चाहिए
बयान में महिलाओं और बच्चियों के अलावा कहा गया है- सभी अफगान नागरिकों को सम्मान और सुरक्षा मिलनी चाहिए। किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। दुनिया के देश इस मामले में मानवीय आधार पर सहायता देने के लिए तैयार हैं।

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21 देशों ने इस बयान पर जिन्होंने दस्तखत किए हैं, उनमें से अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा अल्बानिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया और ऑस्ट्रेलिया समेत कई छोटे बड़े देश शामिल हैं।

बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा किया था। 34 प्रांत राज्यों में से तालिबान ने 18 राज्यों पर अपना कब्जा कर लिया है। जिसके बीच अब पश्चिमी देशों ने उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
 

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