29 DECMONDAY2025 10:50:37 PM
Nari

इस साल 1.2 लाख भारतीय तीर्थयात्रियों ने किया हज, गर्मी के कारण 98  हिंदुस्तानियों की गई जान

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 22 Jun, 2024 03:51 PM
इस साल 1.2 लाख भारतीय तीर्थयात्रियों ने किया हज, गर्मी के कारण 98  हिंदुस्तानियों की गई जान

भारत से इस वर्ष लगभग 1,20,000 लोगों ने हजयात्रा की और चिकित्सकीय देखभाल के लिए 356 चिकित्सक और पैरामेडिकल कर्मी तैनात किए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के सहयोग से  'हज तीर्थयात्रा के लिए चिकित्सा देखभाल व्यवस्था' शीर्षक से एक दस्तावेज जारी किया।  हज वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा और सबसे स्थायी वार्षिक सामूहिक आयोजन है। मक्का में अब तक 98 भारतीयों की मौत हुई है।

PunjabKesari

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस वर्ष भारत से लगभग 1,20,000 लोगों ने हज यात्रा की, जिनमें से लगभग 40,000 हाजी 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे। कहा गया कि-, "इस साल खराब मौसम को देखते हुए, स्वास्थ्य चुनौतियों के कारण तीर्थयात्रियों के लिए चौबीस घंटे सेवाएं प्रदान करना आवश्यक हो गया था। पिछले अनुभव से सीखते हुए पिछले साल, मुख संबंधी स्वास्थ्य और दंत चिकित्सा सेवाओं को भी जोड़ा गया है।" केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि इस साल लगभग दो लाख ओपीडी आयोजित की गई, साथ ही हजयात्रियों तक चिकित्सा टीमों द्वारा दौरा भी किया गया। 

PunjabKesari
 इस बीच जलवायु वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह द्वारा किए गए त्वरित विश्लेषण के अनुसार, जलवायु परिवर्तन ने सऊदी अरब की घातक गर्मी को और बढ़ा दिया जिससे वहां का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया और कम से कम 550 हज यात्रियों की मौत हो गई। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक परिवर्तनशीलता ने संभवतः एक छोटी भूमिका निभायी है। 

PunjabKesari
पिछले कुछ हफ्तों में पूर्वी भूमध्य सागर और मध्य पूर्व के बड़े हिस्से में अत्यधिक तापमान का सामना करना पड़ा है। मीडिया की खबरों में कहा गया है कि वार्षिक हजयात्रा के दौरान कम से कम 550 हजयात्रियों की मौत हो गई, मक्का की मस्जिद अल हराम में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। खबरों के अनुसार, मृतकों में 323 मिस्र के, 60 जॉर्डन के, 98 भारतीय और पांच ईरानी शामिल हैं। यूरोपीय संघ द्वारा वित्तपोषित पहल ‘क्लाइमामीटर' के विश्लेषकों ने इसे "बहुत ही असामान्य" घटना बताया। उन्होंने कहा- "हम सऊदी अरब की भीषण गर्मी के लिए मानव जनित जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराते हैं, जिसमें प्राकृतिक जलवायु परिवर्तनशीलता की संभवतः एक छोटी भूमिका है।"

Related News