कोरोना वायरस के मामलों ने जहां रफतार धीमी कर दी है वहीं इसी बीच जीका वायरस ने दस्तक दे दी है। दरअसल, केरल ने गुरुवार को पहली बार जीका वायरस के 13 मामले दर्ज किए। जीका वायरस के सभी नमूनों को तिरुवनंतपुरम जिले से एकत्र करके पुणे में एनआईवी भेजा गया। खबरों के अनुसार, 24 वर्षीय गर्भवती महिला में बुखार, सिरदर्द और त्वचा पर लाल निशान जैसे लक्षण दिखने के बाद परीक्षण के लिए नमूने एकत्र किए गए थे। वहीं, डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स सहित 13 लोगों के संक्रमित होने की आंशका जताई जा रही है।
क्या है जीका वायरस?
WHO के मुताबिक, जीका वायरस एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है जोकि दिन के समय सक्रिय होते हैं। यहीं मच्छर यैलो फीवर, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी फैलाता है। यह पहली बार 1947 में युगांडा के बंदरों में पाया गया था। इसके बाद 1952 में युगांडा और तंजानिया में मानवों में पाया गया था। जीका वायरस की मौजूदगी एशिया, अफ्रीका, अमेरिका पैसिफिक आइलैंड में पाई जा चुकी है।
जीका वायरस क लक्षण
जीका वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड (लक्षण दिखने में लगने वाला समय) 3 से 14 दिनों का होता है और अधिकतर लोगों में कोई वास्तविक लक्षण नहीं दिखता है। इसमें
. बुखार व आंखें लाल होना
. हाथ और पांव में सूजन व जलन
. त्वचा पर चकत्ते
. सिरदर्द
. मांशपेशियों में ऐंठन
. जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।
नवजात शिशुओं के लिए खतरनाक
जीका वायरस गुलियन बैरी सिड्रोम पैदा करने के लिए भी जाना जाता है। इसके कारण बच्चों का दिमाग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता। यह नवजात बच्चों में पैदाइशी असामान्यता भी पैदा करता है। ब्राजील में 2015 में जीका वायरस बड़े पैमाने पर फैल गया था, जिससे 1600 से अधिक बच्चे विकृति के साथ पैदा हुए थे।
ऐसे करें जीका वायरस से खुद का बचाव
जीका वायरस के खिलाफ फिलहाल कोई पक्का डाक्टरी नहीं है इसलिए जितना हो सकें खुद का बचाव करें। घर के आस-पास मच्छर पनपने न दें और...
1. जीका वायरस से बचने के लिए घर से बाहर ही नहीं बल्कि अंदर भी शरीर को कपड़ों से पूरी तरह से ढककर रखें।
2. घर के आसपास पानी जमा न होने दें क्योकि बीमारी फैलाने वाले मच्छर गंदगी में ही पनपते हैं।
3. मच्छरों से बचने वाली क्रीम लगाएं। साथ ही दिन के समय बच्चों को बाहर ना जाने दें।
4. सुबह-शाम मोस्कीटो किलर का इस्तेमाल करें। साथ ही रात के समय बैड नेट का इस्तेमाल करें।
5. जीका वायरस की चपेट में आए देशों की यात्रा ना करें। खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं ऐसी जगहों पर सफर ना करें।
6. अगर 2 हफ्तों से ज्यादा बुखार हो तो उसे हल्के में ना लें और वायरस की जांच करवाएं।