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जादुई केसर के खेत: पहाड़ और झीलों के अलावा कश्मीर में जरूर देखें ये छिपी हुई जगह

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 09 Nov, 2024 07:02 PM
जादुई केसर के खेत: पहाड़ और झीलों के अलावा कश्मीर में जरूर देखें ये छिपी हुई जगह

नारी डेस्क:  खूबसूरत कश्मीर घाटी में ऐसा छिपा हुआ रत्न है जो अपनी मनमोहक सुगंध से हवा को भर देता है ये है केसर के खेत। कश्मीर, जिसे अक्सर "धरती पर स्वर्ग" कहा जाता है अपने लुभावने परिदृश्यों, बर्फ से ढके पहाड़ों, शांत झीलों और जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाता है। लेकिन यह केसर के खेत ही हैं जो वास्तव में धरती पर इस स्वर्ग में जादू और आकर्षण का स्पर्श जोड़ते हैं।केसर, जिसे अक्सर "सुनहरा मसाला" कहा जाता है, एक शानदार और मूल्यवान घटक है जिसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों और औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है। 

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कश्मीर में केसर की खेती का इतिहास

कश्मीर में केसर का आगमन और इसकी खेती का इतिहास अत्यंत समृद्ध और दिलचस्प है। केसर का असली मूल स्थान प्राचीन फारस (आज का ईरान) माना जाता है, और इसे लगभग 500 ईसा पूर्व में कश्मीर लाया गया था। माना जाता है कि इसे कश्मीर में भारत आए विदेशी यात्रियों और व्यापारियों के माध्यम से लाया गया था। कुछ ऐतिहासिक कथाओं के अनुसार, मध्य एशिया से व्यापारियों ने इसे कश्मीर में बोया और यहाँ की जलवायु और भूमि इसे विकसित करने के लिए आदर्श सिद्ध हुई।

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कहां होती है केसर की खेती

कश्मीर में केसर की खेती का मुख्य क्षेत्र पंपोर है, जिसे "केसर की घाटी" के रूप में जाना जाता है। यहां की ठंडी जलवायु और ख़ास मिट्टी केसर के पौधों की बढ़ोतरी के लिए अनुकूल होती है। पंपोर में इसकी खेती का उल्लेख मुगलों के समय में भी मिलता है। मुगल बादशाह जहाँगीर के काल में, कश्मीर का केसर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ और इसे बेहद मूल्यवान माना जाने लगा।

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कश्मीरी केसर की खासियत

कश्मीर का केसर अपनी उच्च गुणवत्ता और गहरे लाल रंग के कारण विशेष रूप से लोकप्रिय है। यह न केवल खाने में रंग और स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग होता है, बल्कि इसे औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। कश्मीरी केसर का स्वाद और सुगंध अत्यधिक विशिष्ट है, जो इसे अन्य प्रकार के केसर से अलग बनाता है।  केसर में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को विभिन्न रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। यह रक्तचाप को नियंत्रित रखने, तनाव को कम करने, और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। केसर का उपयोग कई सौंदर्य उत्पादों में त्वचा को निखारने के लिए किया जाता है।

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कश्मीर का केसर कैसे उगाया जाता है

कश्मीरी केसर के पौधे को अक्टूबर के महीने में लगाया जाता है, और लगभग नवंबर में फूल खिलते हैं। फूलों से केसर के रेशे हाथ से निकाले जाते हैं, जिसे बाद में सुखाया जाता है। यह प्रक्रिया बेहद सावधानी से की जाती है, जिससे इसकी गुणवत्ता बरकरार रहती है।

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केसर की खेती से जुड़े स्थानीय लोग

कश्मीर में केसर की खेती हजारों परिवारों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। हालांकि, बदलती जलवायु, सस्ते आयातित केसर, और अन्य चुनौतियों के कारण कश्मीर में केसर की खेती को संरक्षण की आवश्यकता है। सरकार भी इसे बचाने के लिए प्रयास कर रही है और इसके लिए "ज्योग्राफिकल इंडिकेशन" (जीआई) टैग भी दिया गया है, जो इसे वैश्विक स्तर पर विशेष पहचान प्रदान करता है। कुल मिलाकर, कश्मीर का केसर न केवल भारतीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भी उच्च मांग में रहता है और इसका इतिहास व संस्कृति से गहरा संबंध है।
 

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