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सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर क्यों मनाते हैं महिला दिवस? जानें कवयित्री के जीवन की कुछ रोचक बातें

  • Edited By neetu,
  • Updated: 13 Feb, 2022 01:05 PM
सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर क्यों मनाते हैं महिला दिवस? जानें कवयित्री के जीवन की कुछ रोचक बातें

आज देश की "भारत कोकिला" के नाम से नवाजी सरोजिनी नायडू जी की जयंती है। 13 फरवरी यानि आज ही के दिन उनका जन्म हुआ था। वे एक प्रसिद्ध कवयित्री, स्वतंत्रता सेनानी और अपने दौर की महान वक्ता रही हैं। आज ही के दिन भारत देश में 'राष्ट्रीय महिला दिवस' मनाया जाता है। नायडू जी अपनी कविताओं में टूटे सपनों, शक्ति, आशा, जीवन-मृत्यु, गौरव, सौंदर्य, प्रेम, अतीत-भविष्य आदि विषयों के बारे में बात की थी। उनकी कविताओं में इतने सारे भावनाएं होती थी कि उसे पढ़कर कोई भी मुग्ध हो जाता था। कहते हैं कि नायडू जी की कविताओं के शब्द ऐसे थे जिसे गा भी सकते हैं। इसलिए ही उन्हें "भारत कोकिला" के नाम से नवाजा गया था। चलिए आज उनके जन्मतिथि के खास मौक पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं...

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बचपन से ही होनहार थीं सरोजिनी नायडू

सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 में हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक नामी विद्वान थे और मां वरदा सुंदरी कवयित्री थीं जो बांग्ला भाषा में लिखती थीं। वे कुल आठ भाई-बहन थे जिसमें सरोजिनी जी सबसे बड़ी थीं। उनके एक भाई जिनका नाम विरेंद्रनाथ था वे क्रांतिकारी थे। इसके साथ ही एक भाई हरिद्रनाथ कवि, कथाकार और कलाकार थे। सरोजिनी जी बचपन से ही होनहार थीं। उन्हें उर्दू, तेलगू, इंग्लिश, बांग्ला, फारसी आदि भाषाओं का ज्ञान था।

इस दिन मनाया जाता राष्ट्रीय महिला दिवस

सरोजिनी नायडू भारत के स्वतंत्रता सेनानी और कवि थी। उन्होंने देश को आजाद करवाने में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। वे एक स्वतंत्रता सेनानी के साथ वर्तमान उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल भी बनीं थीं। इसलिए उनके जन्मदिन पर देशभर में 'राष्ट्रीय महिला दिवस' मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 13 फरवरी 2015 से की गई। चलिए आज "भारत कोकिला" के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू जी के जन्मदिन के अवसर पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प व खास बातें जानते हैं...


. सरोजिनी जी बचपन से ही तेज दिमाग की मालिक थी। बता दें, उन्होंने से सिर्फ 12 साल की उम्र में ही बारहवी की परीक्षा अच्छे अंकों में पास कर ली थी।

. 13 साल की उम्र में उन्होंने "लेडी ऑफ दी लेक" नामक कविता की रचना की थी।

. सरोजिनी जी की द्वारा लिखित पहली कविता संग्रह का नाम "गोल्डन थ्रैशोल्ड" था।

. उनके द्वारा लिखित "बर्ड ऑफ टाइम" तथा "ब्रोकन विंग" कविता लोगों को बेहद पसंद आई है। ऐसे में इन्हें इनकी इन कविताओ ने एक सुप्रसिद्ध कवयित्री बनाया।

. सरोजिनी नायडू जी की शादी सन 1898 में डॉ॰ गोविंदराजुलू नायडू से हुई।

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. सरोजिनी जी 1914 में पहली बार गांधी जी से मिलीं थी। वे गांधी के विचारों को सुनकर उनसे इतना प्रभावित हुई उन्होंने खुद को देश के लिए समर्पित कर दिया।

. वे देश की स्वतंत्रता सेनानी कहलाई। सरोजिनी जी 1925 में कानपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षा बनीं। उसके बाद वे भारत की प्रतिनिधि बनकर 1932 में दक्षिण अफ्रीका भी गई थी।

. सरोजिनी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं। इसी के साथ वे देश की आजादी के बाद वे उत्तरप्रदेश की पहली राज्यपाल चुनी गई।

. 2 मार्च 1949 को लखनऊ में अपने कार्यालय में काम करते समय सरोजिनी जी के दिल का दौरा पड़ा। उसके बाद उनकी हालत में ना होने पर उनके मौत हो गई।

. 13 फरवरी 1964 को भारत सरकार ने उनकी जयंती के खास मौके पर सरोजिनी जी के सम्मान में 15 नए पैसे का एक "डाकटिकेट" जारी किया था।

 

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