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सावन महीने में क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज, स्त्रियों के लिए क्यों खास यह पर्व?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 19 Jul, 2021 12:20 PM
सावन महीने में क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज, स्त्रियों के लिए क्यों खास यह पर्व?

हिंदू धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व है। 19 जुलाई से संग्रात और 26 जुलाई से पूर्णिमा के सावन व्रत होंगे। मान्यता है कि सावन महीने के सभी सोमवार शिव भगवान के व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है। यही वजह है कि सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी इस व्रत को जरूर करते हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि इस व्रत का महत्व क्या है?

क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज?

मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिससे खुश होकर  भोलेनाथ ने उन्हें हरियाली तीज के दिन पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तब से ही सावन में हरियाली तीज मनाने की परंपरा शुरू हुई। सावन माह में चारों तरफ हरियाली होती है इसलिए इसे हरियाली हरियाली तीज भी कहा जाता है। इस मौके पर महिलाएं झूला झूलती हैं, गाती हैं और खुशियां मनाती हैं। वहीं, शादीशुदा महिलाएं इस दौरान अपने मायके भी जाती हैं। इसके बाद सावन का आखिरी दिन यानि श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन के रूप में मनाया जाता है।

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भारतीय महिलाए क्यों रखती हैं व्रत?

सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए व्रत रखती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि अगर कोई शादीशुदा जोड़ा साथ में सावन व्रत रखे तो उनके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी नहीं आती क्योंकि भगवान शिव व माता पार्वती उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं।

कुवांरी लड़कियां क्यों रखती हैं व्रत?

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, प्रत्येक सोमवार भगवान शिव का व्रत करने से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। उन्‍हें भोलेनाथ से भरा-पूरा परिवार और सुखद सांसारिक सुख का आशीर्वाद मिलता है।

महिलाएं ना लगाएं शिवलिंग को हाथ

बेशक सोमवार का व्रत लड़कियों व स्त्रियों के लिए खास होती है लेकिन फिर उन्हें शिवलिंग को छूने की मनाही होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्त्रियों द्वारा शिवलिंग को छूने से माता पार्वती नाराज हो जाती हैं इसलिए उन्हें मनाही होती है। मगर, ऐसा नहीं है कि महिलाएं शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकती।

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क्या कहता है विज्ञान?

वैज्ञानिकों की मानें मानसून अपने साथ कई बीमारियां लाता है, जिससे बचने के लिए व्रत रखना अच्छा है। दरअसल, व्रत के दौरान लोग सिर्फ फल या सात्विक भोजन करते हैं, जिससे पाचन सिस्टम सही रहता है और इम्यूनिटी बढ़ती है। वहीं, व्रत में खाई जाने वाली चीजें शरीर को डिटॉक्स करने में भी मददगार होती हैं।

कुवांरी लड़कियां जरूर करें ये काम

कुवांरी लड़कियां भगवान शिव की विधि-विधान पूजा अर्चना करें। अगर मंदिर पास में ना हो तो घर पर मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पूजा करें और फिर उसे मंदिर या नदी में विसर्जित कर दें। साथ ही भगवान शिव की पूजा थाली में 8 हरी चुड़ियां व श्रृंगार का सामान जरूर रखें। पूजा करने के बाद हरी चूड़ियों को माता पार्वती को चढ़ा दें और फिर उन्हें अपने हाथों में पहनें। इससे कुवांरी लड़कियों को मनचाहा जीवनसाथी मिलेगा तो शादीशुदा जोड़े में प्यार बढ़ेगा।

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