डायबिटीज एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसे पूरी दवाओं से कंट्रोल रखना पड़ता है। क्योंकि अगर शरीर में शुगर लेवल कम या ज्यादा हो जाए तो दिल, किडनी के साथ-साथ शरीर के कई अंगों पर असर पड़ता है। दरअसल, डायबिटीज से छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है, जिससे ब्लड वेसेल्स की दीवारें सख्त हो जाती हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। चलिए आपको बताते हैं कि डायबिटीज में किन लोगों में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है और इसे कैसे रोका जा सकता है।
सबसे पहले हार्ट अटैक के लक्षणों को जानें और इन्हें नजरअंदाज ना करें
. ब्लड प्रेशर बढ़ना
. सांस लेने में दिक्कत
. बेहोश हो जाना
. चक्कर आना
. कंधे, जबड़े और बाएं हाथ में दर्द
. सीने में दर्द या दबाव
डायबिटीज में हार्ट अटैक का कारण
एक्सपर्ट की मानें तो 30 से 40 साल के डायबिटीज मरीजों में हार्ट अटैक आने की संभावना ज्यादा होती है, जिसका कारण इस प्रकार है।
. बढ़ा हुआ ब्लड शुगर
30 या 40 की उम्र ब्लड शुगर का बढ़ना और हाई ब्लड प्रेशर आम है, जो हार्ट अटैक को न्यौता देता है। इससे ब्लड सेल्स डैमेज हो जाते हैं और दिल सही तरीके से पंप नहीं कर पाता , जिससे हार्ट अटैक का खतरा 4 गुणा बढ़ जाता है। ऐसे में हार्ट अटैक व स्ट्रोक से बचने के लिए इन्हें कंट्रोल में रखें।
. कोरोनरी आर्टरी डिजीज
कोरोनरी आर्टरी डिजीज और एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण आर्टरी धमनियां सख्त हो जाती हैं। इससे खून और . ऑक्सीजन दिल तक नहीं पहुंच पाता, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
. कोलेस्ट्रॉल जमना
रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल का जमा होना की वजह से भी डायबिटीज मरीजों को हार्ट अटैक की संभावना रहती है। दरअसल, शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से कोलेस्ट्रॉल प्लॉक टूट जाते हैं, जिसकी मरम्मत के लिए शरीर प्लेटलेट्स भेजता है। ये प्लेटलेट्स आगे एक थ्रोम्बस बनाने के लिए जमा होने लगते हैं, जिससे दिल को ऑक्सीजन और न्यूट्रीशन नहीं मिल पाते और नतीजा हार्ट अटैक।
. स्मोकिंग और स्ट्रेस
शोध के मुताबिक, जो लोग शराब-सिरेट या नशीली वस्तुओं का सेवन अधिक करते हैं उन्हें भी 30-40 की उम्र में हार्ट अटैक आने की संभावना अधिक रहती है।
खराब लाइफस्टाइल
खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और एक्सरसाइज ना करना जैसी गलत आदतें भी डायबिटिज मरीजों में अचानक हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर का कारण बनती हैं।
ऐसे रखें बचाव
. इसे कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि आप खान-पान व लाइफस्टाइल सुधारें।
. दवाएं समय से लेते रहें और कोलेस्ट्रॉल की जांच, एंजियोग्राफी करवाते रहें ।
. ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर को रोज चेक करें और कंट्रोल में रखें। ध्यान रखें कि नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg के आसपास होना चाहिए।
. वजन कंट्रोल रखें और नियमित व्यायाम करें।
. धूम्रपान और तंबाकू का सेवन बंद करें।