हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का खास महत्त्व है। पति की लंबी आयु, अखंड सौभाग्य व घर की सुख-शांति के लिए सुहागिन महिलाएं इस व्रत को बहुत ही श्रद्धा भाव से रखती हैं। इस व्रत का महत्व करवा चौथ व्रत जितना ही होता है। चूंकि इस व्रत के साथ अमावस्या व सूर्य ग्रहण भी है इसलिए महिलाओं को इस दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। फिर चाहे आप व्रत रख रही हों या नहीं।
क्या सूतक काल होगा मान्य?
चूंकि 10 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए धार्मिक नियमों के अनुसार भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। वहीं, इसी दिन पड़ने वाले 2 त्योहार वट सावित्री और शनि जयंती को मनाने पर कोई रोक नहीं होगी।
सबसे पहले जानिए व्रत रखने वाली महिलाएं बरतें क्या सावधानी...
1. सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता इसलिए सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा व परिक्रमा प्रातः काल ही कर लें। ध्यान रखें इस दिन 16 श्रृंगार करके पूजा करें। अगर व्रत नहीं भी रखा तो भी सुहागिन औरतें पूजा जरूर करें।
2. व्रत रखने वाली महिलाएं ग्रहण के दौरान घर से बाहर ना निकलें। साथ ही गुरुमंत्र, इष्टमंत्र व भगवन्नाम का जप जरूर करें, खासकर ग्रहण के समय।
3. आप रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी का पाठ भी कर सकती हैं।
4. ग्रहण ही नहीं बल्कि व्रत के दौरान भी महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। ऐसे में सोने के बजाए भगवान की भक्ति में मन लगाएं।
5. ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई करने के साथ घर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करवाएं।
व्रत ना रखने वाली महिलाएं बरतें ये सावधानियां
खान-पीने से परहेज
ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना और पकाना नहीं चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहण से निकलने वाली किरणें खाने को दूषित कर देती है, जो सेहत के लिहाज से सही नहीं है।
खाने पर रखें तुलसी के पत्ते
वैसे तो इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं है लेकिन फिर भी सभी पके हुए भोजन पर तुलसी के पत्ते डाल दें। इससे खाना शुद्ध और स्वस्थ रहेगा।
पानी भी बदलें
ग्रहण के बाद मुमकिन हो तो घर में मौजूद पानी भी बदल लें। कहा जाता है कि ग्रहण के बाद पानी दूषित हो जाता है।
गंगा जल का छिड़काव
ग्रहण खत्म होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव जरूर करें। इससे घर की नकारात्मकता दूर होगी।
इन बातों का भी रखें ध्यान...
. ग्रहण के समय तेल लगाना, पानी पीना, बाल बनाना, मंजन करना, कपड़े धोना, ताला खोलना आदि काम भी वर्जित हैं।
. पति-पत्नी इस दौरान शारीरिक संबंध बनाने से बचें।
. ग्रहण के दौरान पत्ते, लकड़ी और फूल तोड़ना वर्जित होता है।