लहराते हरे भरे खेत, ट्यूबवेल से गिरता झलझल पानी और स्वर्ण मंदिर, अमृतसर का नाम सुनते ही आपके मन में दी छवि आती होगी। स्वर्ण मंदिर के साथ ही देशभक्ति से सराबोर कर देने वाला वाघा बॉर्डर, जलियांवाला बाग, अकाल तख्त जैसी जगहें भी यहां घूमने को मिल सकती हैं। ऐसे में अगर आपके पास अधिक छुट्टियां नहीं हैं और दो दिन के वीकेंड ट्रिप पर आप सफर पर जाने का मन बना रहे हैं तो अमृतसर जा सकते हैं। अमृतसर के दो दिन का ट्रिप आस्था और सांस्कृतिक माहौल से रूबरू कराएगा।
पहले दिन
अमृतसर घूमने जा रहे हैं तो पहले दिन की शुरुआत मशहूर स्वर्ण मंदिर से करें। स्वर्ण मंदिर का इतिहास लगभग 400 साल पुराना है। स्वर्ण मंदिर दो मंजिला है, जो असली सोने से बना हुआ है। मंदिर गहरी झील के बीच में है। यहां आकर आपके मन को शांति तो मिलेगी ही, साथ ही मंदिर घूमने में मजा आ जाएगा।
अकाल तख्त और दुर्गियाना मंदिर घूमें
स्वर्ण मंदिर घूमने के बाद आप दुर्गियाना मंदिर और अकाल तख्त देखने भी जा सकते हैं। एक रात स्टे करने के बाद अगले दिन वाघा बॉर्डर के लिए रवाना हो जाएं। पाकिस्तान की मुख्य भूमि से पहले जो अंतिम भारतीय क्षेत्र है, वह सीमा वाघा बॉर्डर की है, जिसे उस पार पाकिस्तान है। यहां आपको भारत पाकिस्तान की सीमा देखने को मिलेगी।
दूसरे दिन
किसी राष्ट्रीय पर्व या खास मौके पर जाएंगे तो वाघा बॉर्डर पर विशेष आयोजन देखने को मिलता है। आयोजन में भारतीय सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के सैनिक मार्च करते हैं। सीमा द्वार का कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और यह सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है।
वाघा बॉर्डर और जलियांवाला बाग घूमें
वाघा बॉर्डर से निकल कर आप जलियांवाला बाग जा सकते हैं। यह वही जगह है, जहां भारत की गुलामी के दौर में अंग्रेजी हुकूमत ने निहत्थे देशवासियों पर गोलियां बरसाई थीं। जलियांवाला बाग नरसंहार की यादें यहां कि दीवारों में लगे खून के जरिए आज भी ताजा है। इसके अलावा आप गोबिंदगढ़ फोर्ट भी घूम सकते हैं। दो दिन के अमृतसर ट्रिप के दौरान आप यहां के मशहूर और स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ भी उठा सकते हैं। पंजाब की मक्के की रोटी, सरसों का साग, लस्सी और छाछ आदि बहुत मशहूर है।
कैसे जाएं अमृतसर
अमृतसर देश के ज्यादातर हिस्सों से वायु,रेल और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहां पर आपको दोनों सस्ते और मंहगे बजट वाले होटल मिल जाएंगे तो आप आराम से यहां दो दिन बिता सकते हो।