बच्चे की खुशी के लिए पेरेंट्स क्या कुछ नहीं करते। उनकी हर ख्वाहिश पूरी करने के लिए कई तरह के प्रयास करते हैं लेकिन कई बार बच्चे को मूड़ इतना खराब होता है कि वह बात-बात पर चिड़चिड़े होने लगते हैं। हर समय गुस्सैल रहते हैं। ऐसे परेशानी में कई बार पेरेंट्स को लगता है कि वह अपने बच्चे की अच्छे से हैंडल नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि उनमें मूड स्विंग्स होना एक आम बात है। अगर आप अपने बच्चे का एनर्जी लेवल बढ़ाना चाहते हैं और उनका मूड़ सही करना चाहते हैं तो आज आपको कुछ ऐसे तरीके बताते हैं जिनके जरिए आप उनके लिए खुशनुमा माहौल क्रिएट कर सकते हैं। आइए जानते हैं....
समझने की करें कोशिश
बच्चे का मूड़ खराब होने के कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए यह समझना सबसे ज्यादा जरुरी है कि बच्चे को कौन सी बात परेशान कर रही हैं उनका मूड़ खराब होने का क्या कारण है। परेशानी समझने के बाद बच्चे को सहारा दें और उन्हें बताएं कि आप उनके साथ हैं और उन्हें समझ रहे हैं। अगर उनका मूड़ सही होता है तो उनसे बात करें और खराब मूड़ का कारण पूछें।
अच्छी डाइट दें
बच्चे को एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए अच्छी डाइट जरुरी है। ऐसे में आप उन्हें फाइबर युक्त आहार खिलाएं। इस तरह की डाइट के साथ बच्चे उम्र भर एनर्जेटिक रहेंगे। इसके अलावा बच्चे को पोषक तत्वों से युक्त खाना ही दें। प्रोसेस्ड और ज्यादा मीठी चीजें खाने से बच्चे में मोटापा, सुस्ती बढ़ेगी जिससे वह चिड़चिड़े हो सकते हैं।
आउटडोर गेम्स खिलाएं
गेम्स खेलने पर भी बच्चे का दिमाग शांत होता है। हर समय मोबाइल, टैब पर बैठे रहने के कारण भी वह चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसे में आप उन्हें बाहर ले जाएं और खुली जगह पर खिलाएं। इससे उनके दिमाग को आराम मिलेगा और वह मानसिक रुप से स्वस्थ महसूस करेंगे।
घर में बनाएं खुशनुमा वातावरण
पेरेंट्स के आपसी रिश्ते कैसे हैं इससे भी बच्चे बहुत जल्दी प्रभावित होते हैं। इसलिए घर का माहौल हमेशा खुशहाल बनाए रखें। इसके अलावा आप चाहें तो बच्चे के रुम में कुछ बदलाव करके उनका मूड़ बदल सकते हैं। कमरे में आप बच्चे की मनपसंद चीजें रखें ताकि वह अपना दिल बहला सकें। आप बच्चे का मनपसंद कार्टून उन्हें लाकर दे सकते हैं।
ज्यादा से ज्यादा आराम
पूरी तरह से रेस्ट न मिलने के कारण भी बच्चे अक्सर चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसे में आप उन्हें पूरा आराम करवाएं। एनर्जेटिक रहने के लिए बच्चे के लिए पूरी नींद बहुत जरुरी है। इसके अलावा कोशिश करें कि बच्चे एक्टिविटी और पढ़ाई के बीच-बीच में ब्रेक लेते रहतें। एक रुटीन सेट करें इसके अनुसार ही बच्चे को आराम करने के लिए कहें। इससे बच्चे फ्रेश फील करेंगे।