कोरोना वायरस का कहर कम होने की बजाए ओर भी बढ़ता जा रहा है। दिन ब दिन कोरोना के कई नए मामले सामने आ रहे हैं। लोगों के रोजाना टेस्ट सैंपल भी लिए जा रहे हैं, ताकि जांच कर कोरोना मरीजों को आइसल्यू किया जा सके। वहीं कोरोना का पता लगाने के लिए अब वैज्ञानिकों ने अब एक नई साइंटिफिक तकनीक निकाली है।
दरअसल, मोनाश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक ब्लड टेस्ट (एग्लूटीनेशन टेस्ट) विकसित किया है, जिससे 20 मिनट में कोरोना का पता चल जाएगा। यही नहीं, यह टेस्ट वायरस के संपर्क में आने वाले व्यक्ति का भी पता लगा सकता है। इस कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के जरिए कोरोना वायरस को रोकने में काफी मदद मिल सकती है।
कैसे होगी कोरोना की पहचान?
वैज्ञानिकों ने एग्लूटीनेशन टेस्ट SARS-CoV-2 इंफेक्शन की प्रतिक्रिया से उभरी एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए इजात किया है। इससे खून में किसी पदार्थ की मौजूदगी और उसकी मात्रा का पता लगाया जाता है। शोधकर्ताओं ने खून के नमूनों से 25 माइक्रोलीटर प्लाज्मा का इस्तेमाल करके जांच में सफलता हासिल की है।
स्वैब और इस टेस्ट के बीच अंतर
कोरोना वायरस की जांच के लिए फिलहाल स्वैब टेस्ट का सहारा लिया जा रहा है, जिसका रिजल्ट करीब 2-3 दिन में आता है। वहीं, एग्लूटीनेशन टेस्ट बताया है कि व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या ठीक हो चुका है। साथ ही यह टेस्ट क्लिनिकल ट्रायल में भी मदद कर सकता है। इससे टीकाकरण की प्रतिक्रिया में एंटीबॉडी के उभरने का पता चल सकता है।
कोरोना को रोकने में मिलेगी मदद
यह टेस्ट किट कोरोना को रोकने में मददगार साबित हो सकती है इसलिए शोधकर्ता टेस्ट किट का उत्पादन बढ़ाने के लिए कमर्शियल व सरकारी समर्थन की मांग कर रहे हैं।