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कोरोना से बचने वाली महिला की कहानी, जानें कैसे बची जान!

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 20 Mar, 2020 12:50 PM
कोरोना से बचने वाली महिला की कहानी, जानें कैसे बची जान!

कोरोना वायरस ने दुनियाभर में हड़पंक मचा रखा है। करीब 150 देशों में फैल चुका कोरोना वायरस करीब 80 लाखों को अपना शिकार बना चुका है वहीं 7800 लोग इसकी वजह से अपनी जान गवां चुके हैं। कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीजों को हॉस्पिटल में कड़ी निगरानी में रखा जाता है वहीं जो मरीज ठीक हो चुके हैं उन्हेंं भी सेल्फ आइसोलेशन या होम क्वांरटाइम की निगरानी में रखा जाता है। मगर, क्या आप जानते हैं कि कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीजों के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है।

ममता सचदेवा ने बताया सच

इंटरनेशनल फ्लाइट मैनेजर, ममता सचदेवा नाम की एक महिला ने अपने यूट्यूब चैनल के जरिए आइसोलेशन में रहने की जर्नी को साझा किया है। दरअसल, महिला ने चीन की यात्रा की थी जिसके बाद उसमें COVID-19 के लक्षण दिखे थे। इसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें कोरोना वायरस सस्‍पेक्‍ट होने पर निगरानी में रखा।

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सर्दी-जुकाम समझ किया इग्नोर

उन्होंने बताया कि चीन से लौटने के बाद से ही उसे सर्दी-जुकाम था। हालांकि जब वो चीन जा रही थी तब भी उसे हल्का फ्लू था। वहीं जब वो चीन से वापिस आई तब भी उसका सिर्फ बुखार ही चेक किया गया जो ठीक थी। यही कारण था कि महिला ने इसे हल्का सर्दी-जुकाम समझ डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा ले ली।

बेटे का इलाज करने गई थी लेकिन खुद हो गई एडमिट

मगर, कुछ समय बाद उसे बेटे को तेज बुखार, जिसे लेकर वो अपने जानकार डॉक्टर के पास गई। साथ ही उन्होंने डॉक्टर को चीन से लौटने की बात भी कही। इसके बाद डॉक्‍टर सतर्क हुए और ममता को आइसोलेशन में रख दिया। आमतौर पर आइसोलेशन में 14 दिन तक रखा जाता है मगर उन्‍हें अगले दिन ही अस्‍पताल से छुट्टी मिल गई।

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सेमी आइसोलेशन वार्ड में किया भर्ती

ममता को सेमी आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था लेकिन उन्हें किसी से बात करने या मिलने की इजाजत नहीं थी। हालांकि उन्होंने मोबाइल फोन से परिवार के लोगों को खबर दे दी थी। सिर्फ डॉक्‍टर एक अलग तरह का कॉस्‍ट्यूम पहनकर इलाज व टेस्‍ट के लिए अंदर आते थे।

दो दिन मैं काफी डरी हुई थीः ममता 

ममता ने कहा, "इस दौरान मैं पूरा दिन खुद को समझा रही थी कि पता नहीं 2 दिन लगेंगे, 4 दिन या 14। इलाज पूरी तरह से डॉक्‍टर की निगरानी में हो रहा था। इस दौरान ममता के अंदर एक डर भी था, मगर उन्‍होंने उम्‍मीद नहीं हारी।"

नाक, थ्रोट और ब्लड सैंपल लिए गए

इस दौरान समय-समय पर नर्स दवाईयां देते थे। डॉक्‍टर ने नाक, थ्रोट से सैंपल लिए थे। ब्‍लड के सैंपल भी लिए गए थे। इसका रिल्ट 2 दिन बाद आया, जिसके बाद ही ममता की जान में जान आई।

अंत में सारी जांच हुई निगेटिव

डॉक्‍टर ने उन्हें कमरे में फोन करके बताया कि वो बिल्‍कुल ठीक हैं। उनके सारे टेस्‍ट नेगेटिव हैं। डॉक्‍टर की ये बात सुनने के बाद उन्‍होंने लोगों को कोरोना वायरस से न डरने का संदेश भी दिया। साथ ही यह भी बताया के जीवन कितना अनमोल है। उन्होंने अपना व परिवार का ख्‍याल रखने की सलाह दी।

आप भी कोरोना से डरे नहीं बल्कि एक-दूसरे का हौंसला बढ़ाए, ताकि इससे मुश्किल घड़ी में इस खतरनाक वायरस से लड़ने की ताकत मिले। फिलहाल भारत में सरकार द्वारा लोगों से घर में रहने की अपील की जा रही हैं इसलिए अपने परिवार के साथ समय बिताएं, पॉजिटिव सोचें, स्वस्थ रहें और सावधान रहें।

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