28 OCTMONDAY2024 9:58:48 PM
Nari

लंबे समय तक खड़े रहने से बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा, World Stroke Day पर चेतावनी जारी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 28 Oct, 2024 07:58 PM
लंबे समय तक खड़े रहने से बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा, World Stroke Day पर चेतावनी जारी

नारी डेस्क: विशेषज्ञों के अनुसार जिन लोगों के कामों में उन्हें लंबे समय तक खड़े रहना पड़ता है, जैसे खुदरा कर्मचारी, हेयरड्रेसर या फैक्ट्री कर्मचारी, उनमें स्ट्रोक होने की संभावना अधिक होती है। विश्व स्ट्रोक दिवस हर साल 29 अक्टूबर को इस स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसे तेजी से रोकने और इसका इलाज करने के लिए मनाया जाता है।

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दुनिया भर में नए स्ट्रोक से पीड़ित लोगों की संख्या 2021 में बढ़कर 11.9 मिलियन हो गई 1990 के बाद से 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्ट्रोक से संबंधित मौतें बढ़कर 7.3 मिलियन हो गईं - 1990 के बाद से 44 प्रतिशत की वृद्धि। जबकि स्ट्रोक अब दुनिया भर में मौत का तीसरा प्रमुख कारण है (इस्केमिक हृदय रोग और कोविड-19 के बाद), यह स्थिति काफी हद तक रोकथाम योग्य और उपचार योग्य है।

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मुंबई के जसलोक अस्पताल के कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ. राघवेंद्र रामदासी ने आईएएनएस को बताया- "लंबे समय तक खड़े रहने से पैरों में रक्त जमा होने का खतरा बढ़ सकता है, जिससे रक्त संचार धीमा हो जाता है। कुशल रक्त प्रवाह की कमी से थक्के बन सकते हैं, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, खासकर अगर ये थक्के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं।"समय के साथ, खराब रक्त संचार उच्च रक्तचाप में भी योगदान दे सकता है । ऑस्ट्रेलिया में 83,000 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल करते हुए हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि लंबे समय तक बैठे रहने या खड़े रहने से वैरिकाज़ नसों और चक्कर आने या सिर हल्का महसूस होने जैसी समस्याओं का जोखिम अधिक होता है। 

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अध्ययन में नियमित रूप से हरकतें करने का आह्वान किया गया। इसमें कहा गया कि लंबे समय तक खड़े रहने से पैरों में रक्त जमा हो सकता है, जिससे रक्त संचार धीमा हो जाता है और रक्त के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। नारायण ग्रुप के एचओडी और निदेशक तथा इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी के क्लिनिकल लीड डॉ. विक्रम हुडेड ने आईएएनएस को बताया,-"यदि हृदय में छेद है, तो इन थक्कों के निकलकर मस्तिष्क में चले जाने से इस्केमिक स्ट्रोक हो सकता है, जहां ये रक्त प्रवाह को रोक देंगे।" विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि जिन लोगों को पहले से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या स्ट्रोक का पारिवारिक इतिहास है, उन्हें विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए और बार-बार चलने-फिरने के लिए ब्रेक लेना चाहिए। 
 

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