नौ महीने की प्रेगनेंसी में वैसे तो हर महीना ही महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन छठा और आठवां महीना खास ध्यान रखने वाले माने जाते हैं। छठा महीने यानि दूसरी तिमाही का आखिरी महीना। इस महीने में औरत को कई नए अनुभव मिलते हैं और इस महीने में ही आपका बेबी बंप संपूर्ण तौर पर दिखाई देने लगता है। इसी महीने में ही बच्चे की ग्रोथ शुरू होती है।
छठे महीने में बच्चे की स्थिति क्या होती है?
छठे महीने में बच्चे का वजन और लंबाई बढ़ती है। छठे महीने के अंत तक शिशु का वजन 900 ग्राम के करीब और उसकी लंबाई 12 इंच के आसपास हो सकती है। शिशु की त्वचा गुलाबी होने लगती है। इस महीने के अंत तक बच्चे की उंगलियां और नाखून विकसित होते हैं और अल्ट्रासाउंड के माध्यम से दिखाई देते हैं। संभव है कि अल्ट्रासाउंड में आपको बच्चा अलग-अलग प्रतिक्रिया देता भी दिखता है जैसे अंगूठा चूसता दिखाई दें।
छठे महीने में सुन सकता है शिशु
इस महीने में शिशु बाहरी गतिविधियों को महसूस कर सकता हैं, सुन सकता है। इसलिए ये जरूरी है कि आप अच्छे वातावरण में रहें। मेडिटेशन करें। अपनी दिनचर्या, खानपान का ध्यान रखें।
गर्भवती को सामना करनी पड़ सकती हैं ये हैल्थ प्रॉब्लम्स
हर महिला का शरीर अलग होता हैं और प्रेगनेंसी के दौरान भी हर महिला को अलग-अलग हैल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को 6वें महीने में कुछ ऐसी ही प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है।
1. शरीर में सूजन
छठे महीने के आसपास महिला के पैर टखनों और हाथों में सूजन आने लगती है। इसे एडीमा भी कहा जाता है। इसमें डरने वाली कोई बात नहीं होती। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर में टिश्यू के भीतर तरल पदार्थ बनना शुरू होता है, ताकि आपको और आपके बच्चे को पोषण मिल सके।
2. अपच की समस्या
अपच और कब्ज की समस्या बहुत सी महिलाओं को हो जाती है। क्योंकि गर्भाशय बढ़ने के कारण पेट के निचले भाग पर दबाव पड़ता है जो अपच और कब्ज समस्या करता है। अपच और कब्ज से राहत के लिए भरपूर फाइबर फूड खाएं और पानी पीएं। अगर इसके बावजूद कब्ज ठीक ना हो तो डॉक्टर से सलाह लें। वहीं एक साथ हैवी मील लेने की बजाए धीरे-धीरे गैप में खाएं।
3. ज्यादा भूख लगना
बच्चा पूरी तरह विकास शुरू हो जाता है इसलिए महिलाओं को सामान्य से अधिक भूख लगती है। वैसे तो जो दिल करें आपको खाना चाहिए लेकिन जंक फूड और अनहैल्दी फूड से परहेज ही करना अच्छा है। यह आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ के लिए फायदेमंद है।
4. खर्राटे आना
कुछ महिलाओं को वजन बढ़ने के चलते खर्राटे आने की समस्या हो जाती है क्योंकि सिर और गर्दन के चारों ओर के टिश्यू सूख जाते हैं। वहीं कुछ मामलों में खर्राटे मधुमेह का संकेत हो सकते हैं।
5. कमर दर्द
बच्चे की ग्रोथ क चलते महिला का गर्भाश्य-पेट आगे की ओर बढ़ता है जिस वजह से कमर में दर्द रहता है।
6. अनिद्रा की समस्या
नींद ना आने की समस्या भी बहुत सी गर्भवती महिलाओं को रहती हैं। ज्यादातार को ये समस्याबार-बार पेशाब जाने की वजह से आती है। छठे महीने मे रक्त संचार बढ़ने के कारण आपके हाथ- पैरों में झनझनाह होने की समस्या हो सकती है। कई बार नकली लेबर पेन (ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन) भी होने लगता है। ये थोड़ी-थोड़ी देर में होने वाले, 30 सेकंड से लेकर एक मिनट तक रहने वाले संकुचन हैं। हालांकि, इस तरह के पेन ज्यादातर तीसरी तिमाही में होते हैं। अगर तेज दर्द उठे या फिर निश्चित समयावधि से रुक-रुक कर हल्का दर्द हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।
गर्भावस्था के छठे महीने में क्या खाएं?
आप क्या खाती हैं, क्या पीती हैं, उसका सीधा असर आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। इसलिए, आप जो भी खाएं पौष्टिक खाएं। विटामिन सी और फाइबर खाएं। ये मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है। ब्रोकली, टमाटर, दूध, खजूर, संतरा व मुनक्का का सेवन करें। रात का हल्का भोजन करें ताकि आसानी से पच सकें। इस महीने, आयरन की कमी होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। इसलिए आयरन भरपूर आहार और सप्लीमेंट्स जरूर लें लेकिन डाक्टरी सलाह लेकर।
छठे महीने में क्या नहीं खाएं?
कच्चे अंडे, कच्चा मांस और मछली ना खाएं। वैसे ये छठे ही नहीं बल्कि पूरी प्रेगनेंसी में आपको नहीं करना। पूरी तरह पक्का भोजन ही खाएं। कुछ महिलाओं को अचानक ऑयली फास्ट फूड खाने का मन करता है, लेकिन इस दौरान यह चीजें खाने से बचें। इनके सेवन से चिड़चिड़ापन व थकावट का सामना करना पड़ सकता है।
छठे महीने में व्यायाम
इस दौरान हल्का-फुलका व्यायाम शिशु के लिए फायदेमंद है लेकिन बिना सलाह और एक्सपर्ट से पूछे कोई व्यायाम ना करें। आप कीगल व्यायाम और उत्कष्टासन कर सकते हैं।
गर्भावस्था के छठे महीने के दौरान सावधानियां – क्या करें और क्या नहीं?
ढीले-ढाले कपड़े पहनें।पेट के निचले हिस्से में खिंचाव होने लगता है और निशान पड़ सकते हैं। आप कोई लोशन या क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कुछ महिलाओं को मसूड़ों से खून आने की समस्या होती हैं। अगर यह समस्या ज्यादा हो, तो अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
क्या छठे महीने में यात्रा करना सुरक्षित है?
अगर आपको चिकित्सीय समस्या नहीं है तो दूसरी तिमाही के दौरान यात्रा करना सुरक्षित है। फिर भी एक बार यात्रा करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
क्या गर्भावस्था के दौरान बवासीर हो सकती है?
कब्ज की समस्या होना आम है लेकिन अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो बवासीर की परेशानी दे सकती है। इससे बचने के लिए जितना हो सके फाइबर युक्त खाना खाएं। दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं। प्रैग्नेंसी के छठे महीने में इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।