89 देशों में ओमीक्रोन स्वरूप की पहचान की जा चुकी है और यह उन स्थानों पर डेल्टा स्वरूप की तुलना में तेजी से फैल रहा है, जहां संक्रमण का सामुदायिक स्तर पर प्रसार अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे फैलने से रोकने के लिए जन स्वास्थ्य सुविधाओं एवं सामाजिक उपाय तत्काल बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही बताया गया है कि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन में कुछ अलग लक्षण देखे गए हैं।
अभी से सतर्क रहने की जरूरत
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मौजूदा सीमित साक्ष्यों के आधार पर ओमीक्रोन स्वरूप डेल्टा स्वरूप की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है। ओमीक्रोन की क्लीनिकल गंभीरता पर अभी सीमित डाटा ही उपलब्ध है और इसकी गंभीरता को समझने के लिए और अधिक आंकड़ों की आवश्यकता है। दक्षिण अफ्रीका स्थित डिस्कवरी हेल्थ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ रेयान नोच ने बताया कि पिछले स्ट्रेन के मुकाबले यह बहुत तेजी से फैल रहा है, इसलिए हमें पहले से ज्यादा सर्तक रहने की जरूरत है।
पिछले स्ट्रेन से मिलते-जुलते हैं लक्षण
डॉ रेयान की मानें तो वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन के एक लक्षण की पहचान कर ली है। यह काफी हद तक कोरोना के पिछले स्ट्रेन से मिलता-जुलता है, ऐसे में अगर किसी व्यक्ति में यह लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत जांच करा लें। शुरुआत में स्क्रेची थ्रोट यानी कि गले में खरोंच जैसी स्थिति के बारे में पता चलता है। इसके साथ कुछ लोगों को बंद नाक और सूखी खांसी की समस्या भी हो सकती है। इनमें से अधिकतर लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ओमिक्रॉन कम खतरनाक है।
गले में खरोंच की हो रही शिकायत
डॉ रोच कहते हैं इस बार संक्रमितों को गले में खरोंच के साथ तेज दर्द का अनुभव हो रहा है, इन लक्षणों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इसके अलावा बंद नाक, सूखी खांसी और मांसपेशियों में ऐंठन भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द भी ओमिक्रॉन के कुछ सामान्य लक्षण हैं।ओमिक्रॉन संक्रमितों में ज्यादातर लक्षण माइल्ड देखे जा रहे हैं, इसके गंभीर मामले फिलहाल नहीं देखे गए हैं।
ऐसे करें खुद का बचाव
-गर्म पानी पीने की आदत बनाएं
-गले में खराश होने पर भाप जरूर लें।
-लंबी-लंबी गहरी सांस लेने की आदत बनाएं।
-योग और व्यायाम करें।
-खाने में अदरक लहसुन का सेवन जरूर करें।
बीमारी को न करें नजरअंदाज
डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने कहा कि ओमीक्रोन को हल्का मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर इससे ज्यादा गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ते, तब भी बड़ी संख्या में मामले एक बार फिर स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ डाल सकते हैं। अत: आईसीयू बिस्तर, ऑक्सीजन की उपलब्धता, पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल कर्मी समेत स्वास्थ्य देखभाल क्षमता की समीक्षा करने तथा इसे सभी स्तरों पर मजबूत करने की आवश्यकता है।