हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का पर्व बहुत खास है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उपलक्ष्य में धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में आता है। इस दौरान जहां मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की झांकियां निकाली जाती हैं रात 12 बजे लल्ला का पंचामृत से अभिषेक भी किया जाता है। वहीं, इस दिन सुहागिन व कुंवारी महिलाएं निर्जला व्रत भी करती हैं।
महिलाएं क्यों रखती हैं जन्माष्टमी व्रत?
मान्यता है कि जन्माष्टमी का व्रत रखने से निसंतान जोड़े को संतान सुख की प्राप्ति होती है। वहीं, सुहागिन औरतें पुत्र व पति की लंबी आयु के लिए भी जन्माष्टमी का निर्जला व्रत करती हैं। जबकि कुवांरी कन्याएं भगवान श्रीकृष्ण जैसा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं।
हिंदू धर्म में क्यों खास है यह पर्व
पौराणिक ग्रथों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने कंस का वध करने के लिए श्रीकृष्ण अवतार में धरती पर जन्म लिया था। श्रीकृष्ण माता देवकी की कोख से धरती पर आए लेकिन उनका पालन पोषण माता यशोदा ने किया।
जन्माष्टमी का व्रत रख रही हैं तो ना करें ये गलतियां
. सुबह उठकर स्नान करें और फिर श्रीकृष्ण की पूजा करें। इस दिन गीता, विष्णुपुराण, कृष्णलीला का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।
. व्रत रखने के वाली महिलाएं इस दिन कोई भी नकारात्मक विचार, क्रोध व बुरी बातें मन में ना लाएं।
. व्रत के एक दिन पहले व बाद में लहसुन, प्याज, मांसहार, शराब या तामसिक भोजन से दूरी बना लें।
. व्रत के दिन कान्हा को पंचामृत से स्नान करवाएं और उन्हें नए कपड़े पहनाएं। साथ ही कान्हा को झूला-झूलाना और चंद्रमा को अर्घ्य देना ना भूलें। मंदिर नहीं जा सकती तो घर पर ही पूजा कर लें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
तुलसी के पत्ते
जन्माष्टमी पर तुलसी या कोई भी पौधा ना तोड़ना अशुभ माना जाता है। प्रसाद के लिए भी एक दिन पहले ही तुलसी की पत्तियां तोड़कर फ्रिज में रख लें। हो सके तो इस दिन पौधे जरूर लगाएं।
गरीबों को दान करें
जन्माष्टमी के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद का अपमान ना करें बल्कि उन्हें दान आदि दें। कृष्ण जी के लिए उनके सभी भक्त एक सामान है इसलिए कान्हा की खुशियों के भागीदार बनें।
गाय की पूजा
भगवान श्रीकृष्ण को गाय बहुत प्रिय थी। मान्यता है कि जो भी गाय की पूजा करता है उसे श्री कृष्ण का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होता है।
जन्माष्टमी के व्रत में पानी कब पिए?
जन्माष्टमी पर सुबह जल्दी उठकर भरपूर पानी पी लें क्योंकि व्रत के दौरान जलाहार नहीं किया जाता। अगर आप फलाहार व्रत रख रही हैं तो भी पानी ग्रहण नहीं कर सकती लेकिन दिन में एक समय फल खा सकती हैं।
काम भाव पर नियंत्रण रखें
शास्त्रों के मुताबिक, जन्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने वालों को पाप लगता है इसलिए शादीशुदा कपल्स यौन संबंध और काम भाव पर नियंत्रण रखें।
चावल या जौ का सेवन
शास्त्रों के अनुसार, एकादशी और जन्माष्टमी के दिन चावल या जौ से बनी चीजें नहीं खानी चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि इस दिन रात 12 बजे से पहले अन्न का सेवन ना करें।