जब भी हम में से किसी को खांसी होती है तो हम मेडिकल स्टोर में से कोई भी कफ सिरप ले आते हैं। लेकिन ये आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर सकती है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि ताजा खबर में हुए चौंकाने वाले खुलासे से ये बात सामने आई है। भारत में कफ सिरप बनाने वाली 50 से ज्यादा कंपनियां quality test में फेल हो गई हैं। ये जानकारी सरकार की ओर से जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है। ये खबर इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि कुछ दिनों पहले ऐसी खबरों सामने आई थीं कि भारत में बनी कफ सिरप से पूरी दुनिया में 141 बच्चों की मौत हो गई।
क्या कहती है रिपोर्ट?
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर तक जारी की गई 2104 परीक्षण रिपोर्ट्स में से 54 कंपनियों की 128 यानी 6% रिपोर्ट मानक गुणवत्ता की नहीं थी। उदाहरण के लिए, खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला गुजरात ने अक्टूबर तक 385 नमूनों का विश्लेषण किया, जिनमें से 20 निर्माताओं में से 51 नमूने standard quality के नहीं पाए गए। इसी तरह, सेंट्रल ड्रग्स टेस्टिंग लेबोरेटरी (सीडीटीएल) मुंबई ने 523 नमूनों का विश्लेषण किया, जिनमें से 10 फर्मों के 18 नमूने गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे। क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला ( आरडीटीएल) चंडीगढ़ ने 284 परीक्षण रिपोर्ट जारी की और 10 फर्मों के 23 नमूने एनएसक्यू थे। भारतीय फार्मोकोपिया आयोग (आईपीसी) गाजियबाद ने 502 रिपोर्ट जारी की, जिनमें से 9 फर्मों में सें 29 quality test में फेल हो गए।
WHO ने कही थी ये बात
पिछले साल अक्टूबर में WHO ने कहा था कि गांबिया में करीब 70 बच्चों की मौत का संबंध भारतीय निर्माता द्वारा बनाई गई खांसी और सर्दी की सिरप से हो सकता है। इसके बाद से भारत निर्मित कफ सिरप सवालों के घेरे में आ गए हैं। इस साल मई में, भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने राज्य औषधि नियंत्रकों से कहा था कि वे अपने राज्य के स्वामित्व वाली एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं को निर्यात उद्देश्य के लिए कफ सिरप के निर्माताओं से प्राप्त नमूनों का सर्वोच्च प्राथमिकता और मुद्दे पर विश्लेषण करने के निर्देश दें।