दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को शहर में एक युवती को कथित तौर पर अगवा कर, सामूहिक बलात्कार कर उसे सड़क पर घुमाए जाने की घटना के बारे में ट्विटर पर अफवाह फैलाने और उसे “धार्मिक रंग देने” के आरोप में सोमवार को 3 व्यक्तियों के विरुद्ध अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने इस बाबत ट्विटर को भी पत्र लिखकर कहा है कि जिन ‘हैंडल’ से गलत जानकारी पोस्ट की गई उन्हें चलाने वालों की पहचान का पता लगाया जाए।
शाहदरा के पुलिस उपायुक्त आर. सत्यसुंदरम ने कहा, “हमने कस्तूरबा नगर की घटना के संबंध में अफवाह फैलाने, गलत जानकारी देने और धार्मिक रंग देने के आरोप में तीन व्यक्तियों के विरुद्ध तीन प्राथमिकी दर्ज की है। अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।” डीसीपी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि घटना को लेकर गलत कहानी बताई जा रही है और सोशल मीडिया पर जानबूझकर “विकृत” तथ्य पेशकर इसे एक सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “तथ्यों की जांच किये बिना पीड़िता द्वारा आत्महत्या करने की अफवाह फैलाई जा रही है। कुछ ट्विटर हैंडल और यूट्यूब चैनलों पर पीड़िता की पहचान उजागर की गई जो कानून के खिलाफ है।”
पुलिस ने कहा कि पहली प्राथमिकी, सुखबीर सिंह स्लाच द्वारा पोस्ट किये गए ट्वीट पर दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि दूसरी प्राथमिकी ‘स्टार’ नाम से किये गए ट्वीट के विरुद्ध दर्ज की गई। पुलिस ने कहा कि विवेक विहार पुलिस थाने में, भारतीय दंड विधान की धारा 153 और 153ए के तहत उक्त दोनों प्राथमिकी दर्ज की गई।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीसरी प्राथमिकी, धारा 228ए के तहत मदनलाल के विरुद्ध दर्ज की गई जिसने यूट्यूब पर वीडियो पोस्ट कर उसमें पीड़िता की पहचान उजागर की थी। पुलिस ने कहा था कि पीड़िता की पहचान उजागर करने या घटना के संबंध में गलत जानकारी प्रसारित करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर डाले जा रहे पोस्ट के विश्लेषण से पता चला है कि इस प्रकार की पोस्ट पंजाब और उत्तर प्रदेश तथा अमेरिका, कनाडा, यूएई और ब्रिटेन से की जा रही है ताकि घटना को साम्प्रदायिक कोण दिया जा सके। पुलिस ने कहा कि पीड़िता और आरोपी दोनों एक ही समुदाय के हैं और उनके पुरखे पंजाब के थे।