पर्यावरण दूषण पिछले कुछ सालों से जैसे बढ़ रहा है यह सिर्फ वातावरण ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही हानिकारक है। यह बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि वायु जल, ध्वनि के साथ कई तरह के प्रदूषण बढ़ रहे हैं जो हृदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म दे रहे हैं। पर्यावरण कैसे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है इस बात का महत्व समझाने के लिए हर साल 26 सिंतबर को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि बढ़ते प्रदूषण के कारण कौन-कौन सी बीमारियां फैल रही हैं....
जल प्रदूषण
गाड़ी के धुएं और कारखानों से निकलने वाले धुएं में कई तरह के हानिकारक रसायन पाए जाते हैं जब यह रसायन पर्यावरण के संपर्क में आते हैं तो सांस, हृदय रोग और कैंसर जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ता है। शोधकर्ताओं में प्लास्टिक के कारण बढ़ रही स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर भी अलर्ट जारी किया है। जल प्रदूषण के कारण फ्लू, टाइफाइड, डायरिया जैसे रोगाणु बढ़ते हैं। भोजन के जरिए यह रोगाणु शरीर में प्रवेश करते हैं जिसके कारण पेट में ऐंठन, दर्द, खून दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
वायु प्रदूषण
यह प्रदूषण स्वास्थ्य पर बहुत ही गंभीर असर डालता है इसके कारण हृदय स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर बढ़ता है। इसके अलावा एक्सपर्ट्स की मानें तो हृदय रोगों, फेफड़ों के कैंसर, स्ट्रोक के कारण हो रही मौतों का कारण कही न कहीं वायु प्रदूषण ही है।
कैसे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है वायु प्रदूषण?
मानसिक स्वास्थ्य
शोधकर्ताओं की मानें तो वायु प्रदूषण कई प्रकार के परिवर्तन का कारण बनते हैं जिसके कारण मानसिक बीमारियों का जोखिम बढ़ता है। ओजोन और वायु प्रदूषण के कई सारे खतरनाक रसायन शरीर में सूजन का कारण बनते हैं जिससे चिंता, विकार और डिप्रेशन का खतरा बढ़ने लगता है। युवा ज्यादातर इस प्रदूषण से प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि वह अपना ज्यादातर समय बाहर बिताते हैं।
फेफड़ों पर असर
वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों और सांस संबंधी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ता है क्योंकि प्रदूषण के कारण फैलने वाले खतरनाक रसायन वायुमार्ग के जरिए फेफड़ों में चले जाते हैं जिसके कारण सांस की तकलीफ, खांसी, घरघराहट और सीने में दर्द होने लगता है। ज्यादा देर तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, स्ट्रोक का जोखिम काफी बढ़ जाता है। प्रदूषण से फेफड़ों सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
आंखों पर असर
फेफड़ों के अलावा वायु प्रदूषण का असर आंखों पर भी होता है इसलिए प्रदूषित माहौल में आंखों में खुजली, जलन, लालिमा, दर्द जैसी परेशानियां होने लगती हैं। वहीं यदि स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स की मानें तो ज्यादा देर तक दूषित हवा के संपर्क में रहने के कारण कंजक्टिवाइटिस, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद जैसी आंखों से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।