हर साल दिवाली के बाद आतिशबाजी व पटाखों के कारण प्रदूषण और स्मॉग की समस्या बढ़ जाती है। प्रदूषण से न सिर्फ सांस लेने में दिक्कत होती है बल्कि आंखों में जलन, त्वचा का लाल होना और खांसी की दिक्कत भी होने लगता है। साथ ही इससे कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है इसका सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पर होता है। ऐसे में शरीर को पहले ही से लड़ने के लिए तैयार कर लेना चाहिए। आयुर्वेद में ऐसे कई घरेलू उपाय हैं जो शरीर को डिटॉक्स और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण से बचने के लिए आप इन घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं।
नाक में डालें गाय का घी
दूषित हवा के प्रभाव से बचने के लिए नाक को साफ रखना जरूरी है। इसके लिए सुबह-शाम शुद्ध गाय के घी की एक-एक बूंद नाक में डालें। इससे सांस की नली साफ हो जाती है और दूषित तत्व फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाएगी।
गुड़ खाएं
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए गुड़ का सेवन जरूर करें। गुड़ फेफड़ों को साफ रखता है। वहीं, इसमें मौजूद खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है।
त्रिफला
प्रदूषण से बचने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होनी चाहिए। इसके लिए 1 चम्मच त्रिफला शहद और गुनगुने पानी के साथ लें।
अदरक
दिन में दो बार अदरक की चाय पीएं या इसके रस को बराबर मात्रा में शहद के साथ लें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और सर्दी-खांसी से भी बचाव होगा।
हल्दी वाला दूध पिएं
तुलसी, च्यवनप्राशऔर काली मिर्च को डाइट का हिस्सा बनाएं। रोज रात को सोते समय हल्दी वाला दूध पिएं।
भाप लें
प्रदूषण से सांस लेने में दिक्कत होती है तो भाप लें। इससे नाक की नली खुलेगी और साथ ही सर्दी-खांसी की समस्या भी नहीं होगी।