दुनियाभर में कोरोना अभी तक फैला हुआ है। मगर सावधानियों का ध्यान रखते हुए इसकी चपेट में आने से बचा जा सकता है। ऐसे में ही लंबे समय के बाद स्कूल दोबारा शुरू हो गए है। ताकि बच्चों की पढ़ाई ठीक से चल सके। ऐसे में सभी स्कूल में सुरक्षा के कड़े नियम लागू किए गए है। मगर फिर भी बच्चों की सेफ्टी के लिए पेरेट्स का भी कुछ फर्ज बनता है। इसके लिए उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों में कुछ खास व जरूरी आदतें डालें। ताकि वे कोरोना की चपेट में आने से बच सके। तो चलिए जानते हैं वे हैल्दी आदतें...
मास्क पहनना व सोशल डिस्टेंसिंग की आदत डालें
बच्चों को कोरोना से बचने के लिए उन्हें मास्क पहनने व डिस्टेंसिंग का पालन करना सीखाएं। इसके साथ ही बच्चे के बैग में एक एक्सट्रा मास्क भी जरूर रखें। ताकि जरूरत पड़ने पर वह उसे बदल सकें। साथ ही बच्चे को यह बात जरूर समझाएं कि वे मस्ती में दोस्तों के साथ मास्क ना बदलें।
हाथ धोने की आदत डालें
वैसे तो कोरोना के कारण बच्चे भी काफी समझदार हो गए है। वे अच्छे से हाथ धोना व साफ-सफाई रखने पर अलर्ट हैं। मगर फिर भी उन्हें स्कूल में हाथ धोने की आदत के बारे में बताएं। असल में, स्कूल में बच्चे अलग-अलग चीजों को छूते हैं। ऐसे में उनपर बैक्टीरिया व वायरस होने से संक्रमण होने का खतरा रहता है। इसलिए उन्हें जरूरत पड़ने पर हाथ धोने व सैनिटाइज करने की आदत डालें। खासतौर पर उन्हें वॉशरूम यूज करने के बाद और खाना खाने से पहले व बाद में हाथों की अच्छे से सफाई करना सीखाएं। हो सके तो बच्चे को बैग में हैंड सैनिटाइजर व पेपर सोप रखें।
घर से ही वाटर बॉटल दें
वैसे तो हर स्कूल में पानी की सुविधा होती है। मगर कई बार बच्चे वाटर कूलर तक जाने को कतराते हैं। साथ ही कम पानी पीते हैं। मगर इससे उनका शारीरिक व मानसिक विकास रूक सकता है। ऐसे में बच्चों को घर से ही वाटर बॉटल दें। साथ ही बच्चे को पूरा पानी पीने की सलाह दें। ताकि उनका बेहतर विकास होने के साथ बीमारियों से बचाव रहे।
टिफिन में दें हैल्दी चीजें
बच्चे को बाहर से कुछ भी खाने की परमिशन ना दें। साथ ही उसे टिफिन में हैल्दी चीजें दें। आप बच्चों को घर से ही परांठा, हरी सब्जियां, सैंडविच, जूस, पोहा आदि हैल्दी चीजें बनाकर दे सकती है। यह खाने में टेस्टी होने के साथ बच्चे को हैल्दी भी रखेंगे। ऐसे में वे दिन भर एनर्जेटिक रहेंगे। इसके अलावा कोविड-19 के चलते बच्चों को किसी का झूठा खाने से मना करें।
बच्चों को समय पर सुलाएं
बच्चे के बेहतर शारीरिक व मानसिक विकास के पढ़ाई व खेलकूद के साथ नींद भी जरूरी है। आमतौर पर स्कूल का समय सुबह जल्दी का होता है। ऐसे में बच्चों को सुबह जल्दी उठना पड़ता है। ऐसे में अगर वे देर रात तक जागेंगे तो उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा। इसलिए उन्हें रात को जल्दी व समय पर सुलाएं। ताकि वे पर्याप्त नींद ले सकें। अगर आपका बच्चा 13 साल से छोटा है तो इस बात का ध्यान रखें कि वे करीब 9-10 घंटे की नींद लें।