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त्याग और बलिदान ही नहीं, नारी के सम्मान का भी गुरुजी ने दिया उपदेश

  • Edited By Harpreet,
  • Updated: 02 Jan, 2020 04:42 PM
त्याग और बलिदान ही नहीं, नारी के सम्मान का भी गुरुजी ने दिया उपदेश

देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी आज के दिन सिक्खों के दसवें गुरु साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म दिवस बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन का नाम गोबिंद राय था। खालसा पंथ की स्थापना के बाद जहां उन्होंने अपने सिक्खों को सिंह नाम से नवाजा वहीं खुद के नाम के साथ भी 'सिंह' शब्द जोड़ लिया। उसके बाद हर सिक्ख परिवार में जन्म लेने वाले बच्चे के साथ सिंह शब्द लगाने की रिवायत शुरु हो गई। आइए आज गुरु साहिब जी के जन्म दिवस के मौके उनके द्वारा लोगों को दिए गए उपदेशों पर एक नजर डालते है...

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गुरु साहिब का जन्म 5 जनवरी सन् 1666 में पटना के नांदेड़ जिले में हुआ। बचपन से ही गुरु साहिब महान और बहादुर सोच के मालिक थे। गुरु साहिब ने पुरुष और औरत दोनों को एक सामान दर्जा दिया। जहां उस वक्त लोग स्त्री को पांव की जूती समझते थे, वहीं गुरु साहिब ने अमृत तैयार करते वक्त उसमें मीठास भरने के लिए एक औरत को ही चुना। गुरु साहिब के 4 सुपुत्र थे, उनमें से दो फतेहगढ़ की दिवार में और 2 चमकौर की जंग में शहीद हो गए।

 

आइए अब नजर डालते हैं गुरु साहिब द्वारा बताए गए कुछ खास उपदेशों के बारे में...जो एक आम व्यक्ति के जीवन को खास बनाने में मददगार सिद्ध होते हैं..

 

सबसे पहले, "इंसान से प्रेम करना ही, ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है." 

गुरु साहिब हर वक्त गरीब और मासूम लोगों की मदद करने के लिए तत्पर रहते थे। उनकी इस सोच से प्रभावित उनके सिक्ख जंग युद्ध में बेहोश पड़े दुश्मन को भी पानी पिलाया करते थे।

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सच्चाई का मार्ग

गुरु साहिब ने अपने सिक्खों को हमेशा सच्चे मार्ग पर चलने का आदेश दिया। उन्होंने लोगों को यह सिखाया कि सच्चाई के मार्ग में लाख मुश्किलें आने पर भी आपको सच का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

ज्ञान

गुरु साहिब जी ने लोगों को ज्ञानी बनने की पूरी सेध दी। उनके अनुसार अज्ञानी व्यक्ति न तो खुद के लिए न्याय मांग सकता है और न ही किसी के साथ न्याय कर सकता है। ऐसे में गुरु साहिब के अनुसार जीवन में ज्ञान को विशेष महत्व दिया।

सच्चा मित्र

गुरु साहिब ने लोगों को एक दूसरे के साथ हमेशा स्नेह और प्रेम के साथ रहने का आदेश दिया। मगर उनके मुताबिक आपका सच्चा साथी केवल भगवान है। उसी के सेवा और चिंतन से आप लोक और परलोक दोनों में सुखी रह सकते हैं।

 

गुरु साहिब का पूरा जीवन अच्छी और सच्ची बातों से भरा है। आज हमनें उनमें से कुछ बातें आपके साथ सांझी की। आप भी इन बातों को अपने जीवन में धारण करके खुद को खुशहाल और आनंदमयी बना सकते हैं। 

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