वैसे तो हमारे भारत में कोलकता, गोवहाटी और श्रीनगर जैसे कुछ ही इलाके हैं जो भूकंप आता है, लेकिन ये कभी-कभार ही जानलेवा होता है। लेकिन पिछले दिनों आइसलैंड में 24 घंटे की राजधानी रेकजाविका के आसपास के क्षेत्रों में लगभग 2200 भूकंप के झटके को रिकोर्ड किया गया है। देश के मौसम कार्यालय ने चेतवानी दी कि ये एक तरीके का संकेत है ज्वालामुखी विस्फोट होने का। आईसलैंड के मौसम निज्ञान कार्यालय का कहना है कि माउंट फाग्राडल्सफजाल के नीचे शाम 4 बजे के आसपास भूकंप के झटके शुरू हुए। सबसे खतरनाक भूकंप आइसलैंड के दक्षिण-पश्चिम भाग में महसूस हुए थे।
आइसलैंड में भूकंप खतरनाक क्यों
आइसलैंड यूरोप का सबसे बड़ा और सबसे सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र है। इसके साथ ही उत्तरी अटलांटिक द्वीप से लेकर मध्य-अटलांटिक तक के हिस्से में फैला हुआ है। यह यूरेशियन और उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक को अलग-अलग करता है। भूकंप की गतिविधियों को देखते हुए मौसम कार्यालय ने ग्रीन अलर्ट को ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। आइसलैंड के आइजफल्लाजोकुल ज्वालामुखी से साल 2010 में बड़ी मात्रा में लावा बाहर आया था। इस कारण यूरोप के ऊपर से उड़ने वाली एक तकरीबन एक लाख से ज्यादा उड़ानों को रद्द करना पड़ा। इन फ्लाइटस में तकरीबन में कई यात्री फंस गए थे। साल 2021 और 2022 दोनों में भी माउंट फाग्राडल्सफजाल के पास लावा निकला।
भारत के ज्वालामुखी पर भी डाले नजर
भारत की बात करें तो यहां का सबसे खतरनाक ज्वालामुखी अंडमान निकोबार द्वीप पर बैरन वन है। 2004 में आई सुनामी के दौरान बैरन वन ज्वालमुखी में विस्ट हुआ था और इससे तकरीबन 500 मीटर ऊंचा लावा निकला था।